भारत लौटेगी 100 साल पुरानी अन्नपूर्णा की प्रतिमा, प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' की बड़ी बातें.. देखिए | 100 year old Annapurna statue will return to India

भारत लौटेगी 100 साल पुरानी अन्नपूर्णा की प्रतिमा, प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ की बड़ी बातें.. देखिए

भारत लौटेगी 100 साल पुरानी अन्नपूर्णा की प्रतिमा, प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' की बड़ी बातें.. देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : November 29, 2020/8:13 am IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने ऐसे समय पर देश को संबोधित किया जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों के लिए नए रास्ते खुले हैं। काफी विचार विमर्श के बाद भारतीय संसद ने इन्हें पारित किया है। उन्होंने कनाडा से मां अन्नापूर्णा की मूर्ति वापस लाने की खुशखबरी को देशवासियों के साथ साझा किया। उन्होंने देशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से जारी रखने और सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की अपील की।

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पीएम मोदी की मन की बात 

पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान कहा कि लॉकडाउन के दौर से बाहर निकलकर अब वैक्सीन पर चर्चा होने लगी है, लेकिन कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही अब भी बहुत घातक है। हमें कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती से जारी रखना है। भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़े रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी,वो मांगें पूरी हुई हैं।

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5 दिसबंर को अरबिंदो की पुण्यतिथि है। अरबिंदो को हम जितना पढ़ते हैं उतनी ही गहराई हमें मिलती जाती है। मेरे युवा साथी अरबिंदो को जितना जानेंगे, उतना ही अपने आप को जानेंगे, खुद को समृद्ध करेंगे। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। काफी विचार​-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए, बल्कि उन्हें नए अधिकार, नए अवसर भी मिले हैं।

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पिछले वर्ष नवंबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। विदेश में रहने वाले हमारे सिख भाई-बहनों के​ लिए अब दरबार साहिब की सेवा के लिए राशि भेजना और आसान हो गया है। इस कदम से विश्वभर की संगत, दरबार साहिब के और करीब आ गई है। कल 30 नवंबर को हम गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मुझे महसूस होता है कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है।

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आज देश में कई संग्रहालय और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे है। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं। हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस आ रही है। यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी।

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भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीतें दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वादा किया था। वो मांगे पूरी हुई हैं। काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया है। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं। नए अवसर भी मिले हैं।