वेब डेस्क। कांग्रेस एक पारिवारिक पार्टी है या फिर लोकतांत्रिक पार्टी है, ये दिलचस्प बहस एक बार फिर से छिड़ी है। नए सिरे से इस बहस के छिड़ने की वजह बनी है राहुल गांधी का कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करना। राहुल गांधी के नामांकन भरने से पहले ही ये तय हो गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ही अध्यक्ष बनेंगे, लेकिन जैसे ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई, भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानों के तीर चलने लगे।
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सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों कांग्रेस पर परिवार की पार्टी होने के आरोप लगते रहे हैं? तो हम आपको ले चलते हैं कांग्रेस के इतिहास की ओर क्योंकि वहीं से इस सवाल का सटीक जवाब आपके सामने आएगा। सन 1885 में कांग्रेस की स्थापना हुई थी और इसके पहले अध्यक्ष बने थे व्योमेश चंद्र बनर्जी। जहां तक गांधी-नेहरू परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष पद का सवाल है, पहली बार इस परिवार के मोतीलाल नेहरू 1919 में अमृतसर अधिवेशन में अध्यक्ष बनाए गए थे और उन्हें दूसरा मौका मिला था 1928 में कोलकाता अधिवेशन में, इस तरह मोतीलाल नेहरू दो साल कांग्रेस अध्यक्ष रहे।
पंडित जवाहर लाल नेहरू इस परिवार के दूसरे सदस्य थे, जो कांग्रेस अध्यक्ष बने और कुल मिलाकर 8 साल वे इस पद के लिए चुने गए। पहली बार 1929 में लाहौर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष बने और फिर आज़ादी से पहले 3 बार और 1930, 1936, 1937 में इस पद के लिए चुने गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वो 1951,1952, 1953 और 1954 में कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे।
नेहरू-गांधी परिवार की तीसरी पीढी की इंदिरा गांधी इस परिवार की तीसरी सदस्य थीं, जो कांग्रेस अध्यक्ष बनीं, उन्हें पहली बार 1959 में दिल्ली में अध्यक्ष बनाया गया था, इसके बाद 1978-1982 के बीच 5 साल के लिए अध्यक्ष चुनी गईं। 1983 और 1984 में भी अध्यक्ष पद पर इंदिरा गांधी ही बनी रहीं।
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को सबसे युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पद मिला। राजीव गांधी नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के और चौथे सदस्य के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष बने। राजीव गांधी 1985 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए और 1991 तक इस पद पर रहे, उसी साल उनकी हत्या कर दी गई।
राजीव गांधी की हत्या के सात साल तक नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नहीं रहा। सोनिया गांधी राजनीति में आने के पक्ष में नहीं थीं, उनके बारे में लोग ये भी कहा करते थे कि राजीव गांधी के भी राजनीति में आने का उन्होंने विरोध किया था, लेकिन जिस तरह कांग्रेस के दबाव में राजीव गांधी को राजनीति में आना पड़ा, उसी तरह सोनिया गांधी को भी आखिरकार 1997 में राजनीति में कदम रखना पड़ा और 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। सोनिया गांधी 1998 से लेकर 2017 यानी अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
इस तरह देखें तो 1885 में कांग्रेस की स्थापना से लेकर 2017 तक यानी 132 साल के इतिहास में नेहरू-गांधी परिवार के हाथ में 42 साल तक पार्टी अध्यक्ष का पद रहा है। अगर आज़ादी के बाद यानी 1947 से लेकर 2017 तक की बात करें तो 70 साल में 36 साल तक नेहरू-गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष रहा है।
अब नेहरू-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के राहुल गांधी की ताजपोशी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में हो रही है।
रिसर्च टीम, IBC24 वेब डेस्क
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