नई दिल्ली: सेक्शुअल परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वियाग्रा को लेकर उत्तराखंड के दो गांवों के लोग आमने-सामने हैं। विवाद इतना बढ़ा कि जिला कलेक्टर को मामले में दखल करनी पड़ी, लेकिन नतीजा कुछ हाथ नहीं आया। बहरहाल दोनों गांवों में धारा 144 लगू कर दी गई।
Read More: विधायक के काफिले पर उग्रवादियों ने बरसाई गोलियां, तिरोंग अबो सहित 7 लोगों की मौत
दरअसल दोनों गांव के बीच का विवाद इंटरनैशनल मार्केट भारी दाम देने वाली दवा हिमालयन वायग्रा का है, जिसे यहां ‘कीड़ा जड़ी’ भी कहा जाता है। पिथौरागढ़ जिले के धारचुला और मुनस्यारी गांव के लोगों के पास आया का एक जरिया किड़ा जड़ी भी है। दोनों गांव के लोग रालम और राजरम्भा मैदानी चारागाहों से किड़ा जड़ी बटोरते हैं, लेकिन अब दोनों गांव के लोग इन मैदानी इलाकों पर अपना स्वामीत्व का दावा करने लगे हैैं।
Read More: बाल-बाल बचे विधायक मनोज मंडावी, चलती कार पर गिरा पेड़
दोनों गांव के लोगों का कहना है कि यह मैदानी चारागाह वन पंचायत के दायरे में आता है। इस लिहाज से किसी और गांव के गांव के लोगों को यहां से किड़ा जड़ी बटोरने का अधिकार नहीं है। अंतत: मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लागू कर दिया।
Read More: केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक शुरू, प्रधानमंत्री सहित कई बड़े नेता पहुंचे मुख्यालय
मुनस्यारी के सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट आर. सी. गौतम ने ग्रामीणों के इस झगड़े पर कहा यह झगड़ा इतना बढ़ चुका है कि पिथौरागढ़ के डीएम को हस्तक्षेप कर ग्रामीणों से मिलना पड़ा था। लेकिन इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकला। इसकी वजह से यहां धारा 145 लगानी पड़ी, जिसेस किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो।
<iframe width=”1036″ height=”583″ src=”https://www.youtube.com/embed/JWHyi9aAtuo” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>