किसान के परिवार का हिस्सा हैं ये तीन 'मयूर', घर के हर सदस्य से है दोस्ती, समझते हैं एक दूसरे की भाषा | 3 Peacock Live as Family Member of Farmer

किसान के परिवार का हिस्सा हैं ये तीन ‘मयूर’, घर के हर सदस्य से है दोस्ती, समझते हैं एक दूसरे की भाषा

किसान के परिवार का हिस्सा हैं ये तीन 'मयूर', घर के हर सदस्य से है दोस्ती, समझते हैं एक दूसरे की भाषा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : January 28, 2020/4:14 am IST

जशपुर: कहते हैं खग की भाषा खग ही जानें, लेकिन इस कहावतों को खग (पक्षी) और इंसान नें झुठा साबित कर दिया। ये नजारा है जशपुर के लोधमा गांव की जहां पक्षी और इंसान के प्रेम की अनूठी तस्वीर देखी गई है। यहां देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर और गांव के एक युवक के बीच ऐसी दोस्ती है कि वे दोनों एक दूसरे की भाषा समझ जाते हैं।

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आज के युग में इंसान इंसान का दुश्मन बन जाता है। लेकिन बेजूबान प्यार की भाषा को बखूबी समझते हैं। राष्ट्रीय पक्षी मोर जशपुर के एक परिवार का सदस्य बन गया है। बताया गया कि 4 माह पहले जंगल से भटक कर तीन मयूर लोधमा गांव आ पहुंचे थे। यहां पक्षियों को देखकर गांव में रहने वाले आकाश और धनंजय ने चारा दिया। पक्षियों के प्रति इंसानों का प्रेम देखकर तीनों मयूर इसी गांव के बनकर रह गए और आज तीनों मयूर एक परिवार का हिस्सा बनकर रहते हैं। परिवार के सदस्यों का तीनों मयूर के साथ ऐसा लगाव था कि ना मयूर, परिवार से दूर रहता है ना परिवार के लोग। मयूर दिन भर जंगलों की ओर व अन्य जगह पर घूमता है और समय-समय पर आ कर दाना घर से चुग जाता है।

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ये पक्षी वफादारी की कीमत जरुर देते हैं, भले ही ये बेजुबान हों। जगली इलाकों के घरों में सांप-बिच्छु का डर हमेशा बना रहता है। लेकिन जब से मयूर किसान के घर पर आएं हैं परिवार के सदस्य चैन की नींद सोते हैं।

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