9 विदेशी संतो को महामंडलेश्वर की उपाधि, 12 वर्षों से कर रहे सनातन जीवनयापन | 9 Mahamandaleshwar's title to foreign saints, eternal life by 12 years

9 विदेशी संतो को महामंडलेश्वर की उपाधि, 12 वर्षों से कर रहे सनातन जीवनयापन

9 विदेशी संतो को महामंडलेश्वर की उपाधि, 12 वर्षों से कर रहे सनातन जीवनयापन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : February 8, 2019/10:07 am IST

जबलपुर। प्रयागराज में चल रहा कुम्भ मेला रोज नए आयामों को अपने साथ जोड़ता जा रहा हैं। साधना,आराधना और मोक्ष की चाह में सिर्फ भारत देश के ही नही बल्कि विदेशों से भी लोग खींचे चले आ रहे है जिसके चलते प्रयागराज कुंभ में इन दिनों संगम पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। दरअसल ये सनातन धर्म की खूबसूरती ही है कि सात समुन्दर पार से आने वाले विदेशी सैलानी भी इसे न सिर्फ सहर्ष स्वीकार कर रहे है बल्कि सनातनी धर्म का पताका अपने-अपने देश में भी फहरा रहे है।

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जापान, अमेरिका और इजराइल से आए ऐसे ही 9 विदेशी नागरिक बीते 12 वर्षों से अपने धर्म को त्यागकर सनातन धर्म के अनुसार जीवन जी रहे है .और वह हिंदू धर्म के मुताबिक़ रोजाना भगवान की पूजा अर्चना और कर्मकाण्ड कर रहे हैं। जिससे प्रभावित होकर निर्मोही अखाड़ा ने उनकी आस्था, श्रद्धा और समर्पण को देखते हुए ऐसे 9 विदेशी संतो को आज उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की आपको बता दे कि ये सभी 9 विदेशी महामंडलेश्वर जगद्गुरु साई मां के शिष्य है। दरअसल साई मां के इन सभी विदेशी शिष्यों नें जब सनातन धर्म स्वीकार किया था। तब उन्होंने अपना धर्म और नाम वहीं छोड़ दिया था। ऐसा करने वालो में अमेरिका के त्यागानंद, श्रीदेवी दासी,अनंत अनंतादास, जीवानंद दास, परमेश्वरानन्द,अच्युतानंद और ललिताश्री दासी, इजराइल के दयानंद, जापान की राजेश्वरी दासी और पेरिस के जयेंद्र दास को शक्तिधाम में पहले ही ब्रह्मचर्य की शिक्षा दी जा चुकी थी।

 
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