नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा)एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने 47 वें दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन आयोजित करने के प्रशासन के फैसले का विरोध किया है और संस्थान के निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि 11 जनवरी के आयोजन को सभी कोविड-19 दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए छोटे छोटे समूहों में सबकी शारीरीक मौजूदगी में आयोजित की जाए।
आरडीए ने चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो उसके सदस्य दीक्षांत समारोह का बहिष्कार कर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे और आयोजन के दिन विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया को लिखे पत्र में आरडीए ने कहा कि किसी भी छात्र के जीवन में अलग महत्व रखने वाला दीक्षांत समारोह दो साल से अधिक समय से लंबित था।
पत्र के अनुसार, जब भी आरडीए के अधिकारियों ने पिछले दो वर्षों के दीक्षांत समारोह की तारीखों के बारे में प्रशासन से संपर्क किया, ‘मुख्य अतिथि से कोई पुष्टि नहीं मिलने’ को देरी का कारण बताया गया था।
आरडीए अध्यक्ष डॉ आदर्श प्रताप सिंह, महासचिव पवन सिंह और उपाध्यक्ष पी चंदन द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि इस 47 वें दीक्षांत समारोह का रेजिडेंट डॉक्टर बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, और इसके आयोजन की सूचना बहुत देरी से दी गई है तथा पिछले दो साल से स्नातक बैचों को इसमें शामिल किया गया है ।
पत्र में कह गया है,‘‘एम्स में हर छह महीने में पास आउट बैच होते हैं, लेकिन दीक्षांत समारोह के लिए उन्हें एक साल से ज्यादा इंतजार करना पड़ता है। रेजीडेंट डॉक्टरों ने इस महामारी में दिन-रात काम किया लेकिन जब दीक्षांत समारोह का समय आया हम इसमें आभासी तौर पर शामिल होने के लिए कहा जा रहा है।”
भाषा
शुभांशि उमा
उमा
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