इस्लामाबाद, 23 फरवरी (भाषा) करीब एक महीने की देरी, हिंसा में वृद्धि एवं राजनयिक हलचलों के बीच तालिबान एवं अफगान सरकार के बीच पश्चिमी एशियाई देश कतर में शांति वार्ता दोबारा शुरू हो गई है।
तालिबान के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद नईम ने सोमवार रात को ट्वीट कर शांति वार्ता बहाल होने की जानकारी दी। हालांकि, वार्ता ‘सौहार्द्रपूर्ण’ माहौल में होने एवं इसे आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता के अलावा कोई जानकारी नहीं दी गई। नईम ने बताया कि पहला काम वार्ता का एजेंडा तय करना है।
इस बैठक की विस्तृत जानकारी नहीं मिली है और वार्ता की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में कमी लाना और अंतत: संघर्ष विराम पर पहुंचने को लेकर बैठक में प्रमुखता से चर्चा की गई ।
पाकिस्तान ने बार-बार कहा है कि अफगानिस्तान समस्या का समाधान राजनीतिक जरिए से ही निकल सकता है और तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने का श्रेय उसी को दिया जाता है। पाकिस्तान ने करीब 15 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण दी है।
उल्लेखनीय है कि दोनों पक्षों द्वारा एजेंडे के विषयों की सूची दिए जाने के महज कुछ दिनों बाद ही जनवरी में वार्ता अचानक खत्म हो गई थी। अब दोनों पक्षों को अपनी-अपनी मांगों से आगे बढ़ने एवं वार्ता के विषयों पर सहमति बनानी है।
अफगान सरकार, अमेरिका और नाटो की प्राथमिकता हिंसा की घटनाओं में कमी लाना और संघर्ष विराम के लिए सहमति बनाना है जबकि तालिबान का कहना है कि वह वार्ता के लिए तैयार है लेकिन तुरंत संघर्ष विराम का विरोध कर रहा है।
अमेरिका पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन द्वारा फरवरी 2020 में तालिबान के साथ हुए समझौते की समीक्षा कर रहा है जिसमें एक मई तक अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को हटाने की बात कही गई थी। तालिबान इस अवधि में मामूली विस्तार का भी विरोध कर रहा है लेकिन सैनिकों को वापस बुलाने की समयसीमा में देरी पर वाशिंगटन में सहमति बनती दिख रही है।
एपी धीरज सिम्मी
सिम्मी
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)