किसानों की रिहाई के बाद, पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन की योजना रद्द | After release of farmers, demonstration plan cancelled outside police stations

किसानों की रिहाई के बाद, पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन की योजना रद्द

किसानों की रिहाई के बाद, पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन की योजना रद्द

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : June 7, 2021/9:27 am IST

टोहाना (हरियाणा), सात जून (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चे ने गिरफ्तार किए गए दो किसानों को सोमवार को रिहा किए जाने बाद हरियाणा के सभी पुलिस थानों के बाहर प्रदर्शन करने की योजना रद्द कर दी है। वैसे, एक अन्य व्यक्ति के अब भी जेल में होने की वजह से वे टोहाना में अपना धरना जारी रखेंगे।

किसानों ने बुधवार रात यहां जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली के आवास का घेराव करने की कोशिश की, जिसके बाद किसानों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने घटना के सिलसिले में विकास सिसार और रवि आजाद को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता घासी राम नैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ रवि आजाद और विकास सिसार को तड़के जेल से रिहा कर दिया गया, जिसके बाद राज्य में पुलिस थानों का घेराव करने की योजना रद्द कर दी गई है।’’

नैन ने कहा कि एक और किसान कार्यकर्ता के अब भी जेल में होने के कारण सदर पुलिस थाना परिसर में धरना जारी रहेगा।

इसे पहले किसान नेताओं ने कहा था कि दो कार्यकर्ता ही जेल में हैं।

उन्होंने बबली के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में किसानों सहित अब भी जेल में बंद अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग भी की।

आजाद और सिसार को अदालत ने जमानत दे दी थी और सोमवार तड़के उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

धरना कब तक जारी रहेगा के सवाल पर नैन ले कहा, ‘‘ हमारा एक साथी अब भी जेल में है। इसके अलावा, कुछ किसानों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। हम प्रशासन से कह रहे हैं कि अगर विधायक देवेंद्र बबली ने माफी मांग ली है और शिकायत वापस ले ली है तो ये सभी मामले भी वापस लिए जाने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, कनूनी प्रक्रिया पूरी होने, हमारे साथी के जेल से बाहर आने और सभी के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने तक पुलिस थाने में धरना जारी रहेगा।’’

जेल से बाहर आने के बाद आजाद ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब जन आंदोलन बन गया है।

आजाद ने कहा, ‘‘ यह किसानों के सम्मान की लड़ाई है और सरकार को कृषि कानूनों को वापस ही लेना होगा।’’

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने रविवार को हरियाणा में फतेहाबाद के सदर थाने के बाहर धरना दिया गया था।

बबली को एक जून को किसानों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा था, जिन्होंने उन्हें काले झंडे दिखाए थे और नारे लगाए। बबली ने आरोप लगाया था कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गलत व्यवहार किया और उनकी कार के शीशे तोड़ दिए। हालांकि, किसानों ने बबली पर सार्वजनिक रूप से अभद्र और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को कहा था कि अगर विधायक बबली ने छह जून तक माफी नहीं मांगी तो वे सात जून को राज्य भर के सभी थानों का घेराव करेंगे। विधायक अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांग चुके हैं।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)