नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी इन आरोपों को साबित करने में नाकाम रही हैं कि उन्होंने 20 साल पहले उनके साथ यौन दुराचार किया था।
अकबर ने यौन दुराचार का आरोप लगाने के लिये रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था, जिसकी आखिरी चरण की सुनवाई के दौरान उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा के जरिये अतिरिक्त मुख्य मैट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार के समक्ष उपरोक्त बात कही।
रमानी ने साल 2018 में ‘‘मीटू मूवमेंट’’ के दौरान अकबर पर यौन दुराचार के आरोप लगाए थे।
लूथरा ने कहा, ” इसके (मुलाकात के) बारे में कुछ भी साबित नहीं किया गया है। आपको (रमानी) को यह साबित करना होगा। आपके द्वारा इसे सच कहने से यह सच साबित नहीं हो जाता। आपने आरोप साबित नहीं किये हैं। आपने टेलीफोन, कार पार्किंग और सीसीटीवी रिकॉर्ड नहीं दिखाए हैं।”
लूथरा ने कहा कि रमानी के बयान और उनकी कहानी कल्पना पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि ”आपने एक झटके में, 50 साल की कड़ी मेहनत पर पानी फेर दिया।”
अदालत ने मामले की सुनवाई 14 जनवरी तक स्थगित कर दी है।
अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इसके बाद, 17 अक्टूबर 2018 को उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाषा
जोहेब मनीषा
मनीषा
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