अनिल अंबानी के बेटे ने लॉकडाउन की खिलाफत की, कहा- नेता रैलियों को जारी रख सकते हैं, लेकिन कारोबार जरूरी नहीं.. | Anil Ambani's son protests against lockdown Said- Leaders can continue rallies, but business is not necessary ..

अनिल अंबानी के बेटे ने लॉकडाउन की खिलाफत की, कहा- नेता रैलियों को जारी रख सकते हैं, लेकिन कारोबार जरूरी नहीं..

अनिल अंबानी के बेटे ने लॉकडाउन की खिलाफत की, कहा- नेता रैलियों को जारी रख सकते हैं, लेकिन कारोबार जरूरी नहीं..

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : April 7, 2021/12:54 pm IST

नई दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा)।  उद्योगपति अनिल अंबानी के बड़े बेटे अनमोल अंबानी ने कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी के बीच लॉकडाउन के नए दौर की खिलाफत करते हुए कहा कि इस तरह की रोकथाम का संबंध स्वास्थ्य से नहीं, बल्कि नियंत्रण से होता है और इससे समाज तथा अर्थव्यवस्था की कमर टूट जाएगी।

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6, 2021</a></blockquote>
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रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के 29 वर्षीय पूर्व कार्यकारी निदेशक ने कई ट्वीट करके कहा कि नए आंशिक लॉकडाउन के नियम छोटे कारोबारियों और दिहाड़ी मजदूरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पेशेवर अभिनेता अपनी फिल्मों की शूटिंग जारी रख सकते हैं। पेशेवर क्रिकेटर देर रात तक अपना खेल खेल सकते हैं। पेशेवर राजनेता लोगों की भीड़ के साथ अपनी रैलियों को जारी रख सकते हैं। लेकिन आपका कारोबार जरूरी नहीं है। आप अभी भी नहीं समझे?’’

उन्होंने पहले भी इस तरह के प्रतिबंधों के विरोध में आवाज उठाई थी और उनकी निंदा करने वाले वीडियो और टिप्पणियों को रीट्वीट किया था।

अनमोल ने कहा, ‘‘अनिवार्य कार्य का क्या मतलब है? हर व्यक्ति का काम, उसके लिए अनिवार्य है।’’
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उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य के लिए नहीं , नियंत्रण के लिए है। मुझे लगता है कि हम सभी अनजाने में या अवचेतन में एक जाल में फंसते जा रहे है। यह जाल बहुत बड़ा है, योजना बड़ी डरावनी है। यह योजना ठीक चीन के तकनीकतंत्र- एक अधिनायकवादी बाहर से नियंत्रित जैव निगारनी रखने वाली फासीवादी सरकारी तंत्र की तरह- हमारे जीवन के हर पहलू पर शिकंजा चढाने की है।
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लेकिन अनमोल ने यह भी कहा है कि वह भारत और यहां की जनता में विश्वास रखते हैं, वे इस वैश्विक विप्लव का मुकाबला करेंगे और देश का और अधिक उपनिवेशीकरण नहीं होने देंगे। इसके लिए जरूरी है कि हम सच्चाई को जाने । प्रेम , शांति , एकता और सहानुभूति का पक्ष लें।