अश्विन ही ले सकते हैं 800 विकेट, लियोन उतने काबिल नहीं : मुरलीधरन | Ashwin can only take 800 wickets, Lyon not as capable: Muralitharan

अश्विन ही ले सकते हैं 800 विकेट, लियोन उतने काबिल नहीं : मुरलीधरन

अश्विन ही ले सकते हैं 800 विकेट, लियोन उतने काबिल नहीं : मुरलीधरन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : January 14, 2021/7:10 am IST

सिडनी, 14 जनवरी ( भाषा ) महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि मौजूदा पीढी के स्पिनरों में सिर्फ रविचंद्रन अश्विन ही 700 . 800 विकेट तक पहुंच सकते हैं और आस्ट्रेलिया के नाथन लियोन वहां तक पहुंचने के काबिल नहीं हैं ।

मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 800 विकेट हैं जबकि शेन वॉर्न (708) दूसरे और अनिल कुंबले (619) तीसरे स्थान पर हैं ।

मुरलीधरन ने लंदन के ‘टेलीग्राफ ’ अखबार के लिये माइकल वॉन के कॉलम में कहा ,‘‘ अश्विन के पास मौका है क्योंकि वह बेहतरीन गेंदबाज है । उनके अलावा कोई और गेंदबाज 800 तक नहीं पहुंच सकता । नाथन लियोन में वह काबिलियत नहीं । वह 400 विकेट के करीब है लेकिन वहां तक पहुंचने के लिये काफी मैच खेलने होंगे ।’’

अश्विन ने 74 टेस्ट में 377 विकेट लिये हैं जबकि लियोन 99 टेस्ट में 396 विकेट ले चुके हैं ।

मुरलीधरन ने कहा ,‘‘ टी20 और वनडे क्रिकेट से सब कुछ बदल गया । जब मैं खेलता था तब बल्लेबाज तकनीक के धनी होते थे और विकेट सपाट रहते थे । अब तो तीन दिन में मैच खत्म हो रहे हैं । मेरे दौर में गेंदबाजों को नतीजे लाने और फिरकी का कमाल दिखाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते थे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ आजकल लाइन और लैंग्थ पकड़े रहने पर पांच विकेट मिल ही जाते हैं क्योंकि आक्रामक खेलते समय बल्लेबाज लंबा नहीं टिक पाते ।’’

मुरलीधरन ने वॉर्न , कुंबले, सकलेन मुश्ताक, मुश्ताक अहमद और बाद में हरभजन सिंह के समय में क्रिकेट खेली ।

उन्होंने कहा ,‘‘ उस समय स्पिनरों को विकेट के लिये बहुत मेहनत करनी पड़ती थी । यही वजह है कि दूसरी गेंदें तलाशने पर काम करते थे । अब टी20 के आने से विविधता में बदलाव आया है ।’’

मुरलीधरन ने डीआरएस के आने के बाद सिर्फ एक श्रृंखला 2008 में भारत के खिलाफ खेली और उनका मानना है कि उस समय इस तकनीक के इस्तेमाल से उनके विकेट और अधिक होते ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं यही कहूंगा कि डीआरएस होता तो मेरे नाम और भी विकेट होते क्योंकि तब बल्लेबाज पैड का इस्तेमाल इतनी आसानी से नहीं कर पाते । उन्हें संदेह का लाभ मिल जाता था ।

भाषा

मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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