भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौटे | BJP National Vice President Mukul Roy returns to his old party Trinamool Congress

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौटे

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौटे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : June 11, 2021/1:48 pm IST

कोलकाता, 11 जून (भाषा) भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय भगवा दल को जोरदार झटका देते हुए शुक्रवार को अपने पुत्र शुभ्रांशु के साथ अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने वापसी उनका स्वागत किया।

पार्टी में औपचारिक रूप से फिर से शामिल होने के पहले मुकुल रॉय ने तृणमूल भवन में ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की। तृणमूल के संस्थापकों में शामिल रॉय ने कहा कि वह ‘सभी परिचित चेहरों को फिर से देखकर खुश हैं।’’

रॉय के पार्टी में शामिल होने के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रॉय को भाजपा में धमकी दी गई थी और उन्हें प्रताड़ित किया गया, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुकुल की वापसी साबित करती है कि भाजपा किसी को भी चैन से नहीं रहने देती और सब पर अनुचित दबाव डालती है।’’ रॉय मुख्यमंत्री के बायीं ओर बैठे थे और अभिषेक उनके बाद बैठे थे। वहीं, पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री के दाहिने ओर बैठे थे। तृणमूल सूत्रों के अनुसार, यह पार्टी के भविष्य के क्रम का संकेत था।

बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक के हाल ही में शहर के एक अस्पताल में रॉय की पत्नी से मिलने के बाद उनकी संभावित घर वापसी को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं।

अभिषेक के दौरे के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉय की पत्नी के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार प्रधानमंत्री का यह कदम रॉय को भाजपा में बनाए रखने का प्रयास था।

दिलचस्प है कि ममता और रॉय दोनों ने दावा किया कि उनके बीच कभी भी कोई मतभेद नहीं था।

ममता ने कहा कि हम उन लोगों के मामले पर विचार करेंगे जो मुकुल रॉय के साथ पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे और अब वे वापस आना चाहते हैं। उनके इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा की बंगाल इकाई से दलबदल की शुरुआत हो सकती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी दूसरे दल में शामिल हो गए अन्य नेताओं को भी वापस लेगी, ममता ने स्पष्ट किया कि अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले लोगों को वापस नहीं लिया जाएगा।

कभी तृणमूल में दूसरे सबसे प्रमुख नेता रहे रॉय को नारद स्टिंग मामले में नाम आने के बाद फरवरी, 2015 में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया गया था। वह नवंबर, 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे।

रॉय को वापस लाने की पहल संभवत: तब शुरू हुई थी जब ममता ने मार्च में एक चुनावी रैली में उनके आचरण को बहुत खराब नहीं बताया था। यह मुख्यमंत्रियों के अन्य चुनावी भाषणों के विपरीत था और उन्होंने शुभेंदु अधिकारी जैसे दल बदलने वाले नेताओं के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।

जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक और कलकत्ता रिसर्च ग्रुप के सदस्य रजत रॉय ने कहा कि तृणमूल चुनिंदा लोगों को वापस लेगी। उन्होंने कहा कि इसका मकसद भाजपा को संगठनात्मक रूप से कमजोर करना होगा, लेकिन साथ ही पार्टी बहुत सारे दलबदलुओं को वापस नहीं लेना चाहेगी क्योंकि इसे असंतोष को पुरस्कृत किए जाने के तौर पर देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुकुल रॉय का मामला विशेष है क्योंकि उनके बारे में कहा जाता है कि वह संगठन के लिहाज से अहम हैं।

भाषा

अविनाश दिलीप

दिलीप

 

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