बसपा ने पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर लगाया विश्वासघात का आरोप, इस्तीफा मंजूर किया | BSP accuses former minister Ambika Chaudhary of treachery, approves resignation

बसपा ने पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर लगाया विश्वासघात का आरोप, इस्तीफा मंजूर किया

बसपा ने पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर लगाया विश्वासघात का आरोप, इस्तीफा मंजूर किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : June 20, 2021/11:55 am IST

बलिया (उप्र) 20 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने रविवार को कहा कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।

बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर मदन राम ने रविवार को कहा, ”पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बसपा के साथ विश्वासघात किया है। चौधरी का दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है तथा दलीय कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि चौधरी को कार्यक्रमों में आमंत्रित ना किया जाए।’’

उन्होंने चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ”यदि उनमें नैतिकता है तो सबसे पहले अपने बेटे को जिला पंचायत सदस्य पद से त्यागपत्र दिलाकर उप चुनाव लड़ना चाहिए।”

उधर पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि उन्होंने फिलहाल बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है और भविष्य के कदम को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है। सपा में घर वापसी को लेकर पत्रकारों द्वारा सवाल करने पर उन्होंने कहा कि घर वापसी हमेशा सुखद होता है तथापि वह उचित समय पर अपने समर्थकों से बातचीत करने के बाद अपने फैसले की जानकारी देंगे।

समाजवादी पार्टी ने शनिवार को बसपा नेता चौधरी के बेटे को बलिया जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जिस पर बसपा की तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। सपा के बलिया जिलाध्यक्ष राज मंगल यादव ने शनिवार को अंबिका चौधरी के बेटे आनंद चौधरी की उम्मीदवारी की घोषणा की। आनंद चौधरी बलिया के वार्ड नंबर 45 से जिला पंचायत सदस्य हैं और बसपा के स्पष्ट समर्थन से चुने गए थे। समाजवादी पार्टी के इस कदम पर बसपा विधायक दल के उप नेता उमा शंकर सिंह ने अंबिका चौधरी पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था।

अंबिका चौधरी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2016 में सपा के भीतर पारिवारिक कलह के बीच वह बसपा में शामिल हो गये थे।

भाषा सं आनन्द अर्पणा

अर्पणा

 

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