बघेल ने केंद् से उत्पाद शुल्क के हिस्से के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत देने का किया अनुरोध | Baghel requests the kend to undo the amount received as part of excise duty

बघेल ने केंद् से उत्पाद शुल्क के हिस्से के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत देने का किया अनुरोध

बघेल ने केंद् से उत्पाद शुल्क के हिस्से के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत देने का किया अनुरोध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : February 17, 2021/10:35 am IST

रायपुर, 17 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे राज्य को उत्पाद शुल्क के हिस्से के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत देने का अनुरोध किया है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने

केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वर्ष 2020-21 कोविड महामारी के दुष्प्रभावों के कारण वित्तीय दृष्टि से अत्यंत कठिन वर्ष रहा है। इस वर्ष राज्य में सभी आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण राज्य के स्वयं के वित्तीय स्रोतों में लगभग 30 प्रतिशत की कमी की आशंका है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि हाल ही में वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में पेट्रोलियम पदार्थों, सोने-चांदी और अन्य अनेक वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क में कमी कर उसके स्थान पर ‘कृषि अवसंरचना विकास उपकर’ लगाने की घोषणा की गयी है। इससे राज्य को आगामी वित्त वर्ष में 900 से 1000 करोड़ रूपए की अतिरिक्त क्षति का अनुमान है।

बघेल ने पत्र में उल्लेख किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में केन्द्र सरकार से अभी भी 3700 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होना बाकी है। केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद राज्य के चावल के कोटे में 16 लाख टन की कटौती कर दी गई है, जिसके कारण भी राज्य द्वारा संग्रहित अतिरिक्त धान के निराकरण में राज्य को बड़ी हानि होने की आशंका है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि ‘कृषि अवसंरचना विकास कोष‘ स्थापना का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन उत्पाद शुल्क कम करने के निर्णय से राज्य के संसाधनों पर विपरीत असर पड़ना निश्चित है। पूर्व से ही वित्तीय संकट से जूझ रहे राज्य को उत्पाद शुल्क कटौती से होने वाली अतिरिक्त क्षति से राज्य के नागरिकों के हितों के लिए चलाए जा रहे लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर विपरीत असर होगा।

उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि केन्द्र की तुलना में राज्यों के पास उपलब्ध सीमित संसाधनों को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य को उत्पाद शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि पूर्ववत प्राप्त होने का निर्णय लेने का कष्ट करें, जिससे राज्य को किसी अतिरिक्त वित्तीय क्षति का सामना न करना पड़े।

भाषा संजीव शोभना रमण

रमण

 

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