पवनहंस के लिए बोली लगाने की समय सीमा एक माह बढ़ाकर 18 फरवरी की गई, वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी को हुआ है 28 करोड़ रु का घाटा | Bid deadline for Pawan Enhanc extended by one month to February 18

पवनहंस के लिए बोली लगाने की समय सीमा एक माह बढ़ाकर 18 फरवरी की गई, वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी को हुआ है 28 करोड़ रु का घाटा

पवनहंस के लिए बोली लगाने की समय सीमा एक माह बढ़ाकर 18 फरवरी की गई, वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी को हुआ है 28 करोड़ रु का घाटा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 18, 2021/3:15 pm IST

नई दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) । सरकार ने पवन हंस के अधिग्रहण के लिये शुरुआती बोली सौंपने की समयसीमा को एक माह बढ़ाकर 18 फरवरी कर दिया है।

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि मौजूदा कोविड- 19 की स्थिति और बोली में भाग लेने के इच्छुक निवेशकों के समक्ष आने वाली आवागमन की चुनौती को देखते हुये समय सीमा को अब बढ़ाकर 18 फरवरी 2021 कर दिया गया है।
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दीपम ने पिछले साल दिसंबर में हेलिकाप्टर सेवायें देने वाली कंपनी पवन हंस के प्रबंधन नियंत्रण को हस्तांतरित करने सहित उसकी रणनीतिक बिक्री के लिये बोलियां आमंत्रित की थी। इसके लिये बोली लगाने की अंतिम तिथि 19 जनवरी रखी गई थी।

पवन हंस लिमिटेड में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष 49 प्रतिशत आयल एण्ड नेचुरल गैस कार्पोरेशन (ओएनजीसी) के पास है। ओएनजीसी ने सरकार के साथ अपनी पूरी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है।
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पवन हंस 1985 में गठित की गई थी। उसे ओएनजीसी की तेल खोज गतिविधियों के काम में हेलिकॉप्टर सेवायें देने के लिये एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तौर पर बनाया गया।

पवन हंस की 31 जुलाई 2020 की स्थिति के मुताबिक उसमें 686 कर्मचारी हैं। इनमें 363 नियमित कर्मचारी हैं जबकि 323 अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी है। वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी ने 28 करोड़ रु का शुद्ध घाटा दर्ज किया।