ब्रिटिश कंपनी ने पाक के कुछ लोगों के खिलाफ लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, इमरान ने पूर्ण पारदर्शिता की मांग की | British company accused of corruption against some Pak people, Imran demands full transparency

ब्रिटिश कंपनी ने पाक के कुछ लोगों के खिलाफ लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, इमरान ने पूर्ण पारदर्शिता की मांग की

ब्रिटिश कंपनी ने पाक के कुछ लोगों के खिलाफ लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, इमरान ने पूर्ण पारदर्शिता की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : January 13, 2021/11:59 am IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 13 जनवरी (भाषा) संपत्ति बरामद करने वाली एक ब्रिटिश कंपनी ने दावा किया है कि कुछ पाकिस्तानियों के धन शोधन करने के बारे में उसके पास साक्ष्य हैं, जिसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के कुछ ‘‘संभ्रांत’’ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार पर उससे बुधवार को पूर्ण पारदर्शिता की मांग की।

खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ‘‘पाकिस्तान के (कुछ) संभ्रांत लोग सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार और धन शोधन में संलिप्त हैं।’’

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ब्रॉडशीट एलएलसी के मालिक कावेह मौसावी ने कहा था कि उनकी कंपनी पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य ने दबाव डाला था तथा उसके पास कुछ अन्य पाकिस्तानियों के धन शोधन के बारे में साक्ष्य हैं।

मौसावी ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने अपनी विदेशी संपत्ति के खिलाफ जांच रोकने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि 2012 में खुद को शरीफ का भतीजा बताते हुए एक व्यक्ति ने इस संबंध में एक सौदे की पेशकश की थी।

खान ने ट्वीट किया, ‘‘पनामा पेपर्स ने अब से पहले हमारे नेताओं के भ्रष्टाचार एवं धन शोधन को उजागर किया गया था। अब ब्रॉडशीट ने हमारे कुछ नेताओं के भ्रष्टाचार एवं धन शोधन का एक बार फिर खुलासा किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये खुलासे एक बड़े प्रकरण का महज एक छोटा सा हिस्सा भर है। हम हमारे (पाकिस्तान के) नेताओं के धनशोधन के बारे में और जांच रोकने वाले व्यक्ति के बारे में ब्रॉडशीट से पूर्ण पारदर्शिता चाहते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये नेता सत्ता में आते हैं और देश में लूट-खसोट करते हैं। वे गलत तरीके से प्राप्त किये गये लाभ को विदेशों में छिपाने के लिए धन शोधन करते हैं। इसके बाद वे अपने राजनीतिक रसूख की आड़ में एनआरओ हासिल करते हैं। इस तरह से वे लोग लूट-खसोट की अपनी रकम को सुरक्षित रखते हैं। ’’ उन्होंने कहा कि देश को इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि ये नेता इन अंतरराष्ट्रीय खुलासों पर खुद को पीड़ित पक्ष के तौर पर पेश कर अपना बचाव नहीं कर सकते।

राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, उनके पति आसिफ अली जरदारी और दर्जनों अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को माफ करने के लिए 2007 में लाया था, ताकि उनके साथ एक राजनीतिक समझौता किया जा सके।

यह कानून राजनीतिक सौदेबाजी करने के लिए एक राजनतिक रियायत का पर्याय बन गया है।

मौसावी के खुलासे के बाद खान ने ऊपर उल्लेख किये गये लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति गठित की है।

सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा, ‘‘कैबिनेट ने एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की है, जो ब्रॉडशीट कांड में उल्लेख किये गये व्यक्तियों के नामों का खुलासा करेगी।’’

उन्होंने कहा कि खान ने जांच के बाद उन नामों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।

डॉन समाचारपत्र की खबर के मुताबिक ब्रिटिश कंपनी से जुड़े एक वकील ने बताया था कि ब्रॉडशीट जांच में मुख्य निशाने पर शरीफ हैं।

उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं, जहां वह इलाज के लिए गये थे। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के लिए चार हफ्तों के वास्ते विदेश जाने की अनुमति दी थी।

पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ, भ्रष्टाचार के दो मामलों में अदालत में पेश होने में नाकाम रहें, जिसके बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।

भाषा सुभाष उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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