रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की रिकार्ड तोड़ बढ़ती संख्या, दिन-ब-दिन बढते मौत के आंकड़े ने सबकी नींद उड़ा रखी है। धीरे-धीरे कर राज्य सरकार ने राजधानी समेत सभी प्रमुख शहरों में लॉकडाउन कर हालात को कंट्रोल करने प्रयास किया है। लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन के बीच दूसरी लहर में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार का लॉकडाउन कारगर है? क्या अबकी बार का लॉक़डाउन संक्रमण की चेन तोड़ने में सहायक है? क्या दर्शा रहे हैं इस बार के आंकड़े और क्या कहते हैं?
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कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक-एक कर करीब-करीब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया है। छत्तीसगढ़ के सबसे प्रभावित जिले दुर्ग और रायपुर में लॉकडाउन लगने के बाद भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता दिखा। दुर्ग जिले में लॉकडाउन लगाने के पहले 5 अप्रैल को 1169 कोरोना पॉजिटिव मिले थे जबकि 13 अप्रैल तक ये आंकड़ा बढ़कर 1755 पर पहुंच गया। इसी तरह रायपुर में लॉकडाउन लगने के पहले 8 अप्रैल को 3302 कोरोना पॉजिटिव मिले थे जबकि 13 अप्रैल को यहां आंकड़ा बढ़कर 4168 तक पहुंच गया। इसी तरह इन जिलों में मरने वालों की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा हो गई। इसके बाद से फिर ये बहस छिड़ गई है कि लॉकडाउन लगाने का कोई खास असर नहीं हो रहा है। इसके उलट लॉकडाउन की वजह से लोगों को दवाई ,इलाज, खाने-पीने के सामान को लेकर परेशानी जरूर होने लगी है। भाजपा सांसद सुनील सोनी के मुताबिक मौजूदा दौर में लॉकडाउन लाभकारी नहीं दिखता, जरूरत है लॉकडाउन का समय व्यवस्था सुधारने की।
इधर,कांग्रेस का दावा है कि रायपुर में लॉकडाउन लगाना कारगर रहा है, इससे कोरोना मरीज कम हुए हैं। बेड,ऑक्सीजन, वेंटिलेटर को लेकर दबाव पहले से कम हुआ। आगे 19 अप्रैल के बाद स्थिति देखकर लाकडाउन पर फैसला लिया जाएगा ।
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वहीं,एम्स के निदेशक डॉ नितिन नागरकर के मुताबिक नए स्ट्रेन वाले वायरस की ट्रांसफिसिबिलीटी काफी ज्यादा है। ऐसे में लॉकडाउन अस्थाई समाधान है, लेकिन हर हाल में हमें सोशल डिसटेंस, मास्क और कम से कम ट्रेवल जैसे नियमों का पालन करना होगा।
बीते साल लगे लॉक डाउन का साफ-साफ असर दिखाई दिया था। अब के आंकड़ों पर एक्सपर्ट का कहना है कि लॉक डाउन का असर 7 दिन बाद ही नजर आता है। डॉक्टर्स के मुताबिक लॉकडाउन से कोरोना की चैन टूटती है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या 2021 में नए स्ट्रेन के बीच छत्तीसगढ़ में लगा लॉकडाउन कोरोना की सैकेंड वेव को तोड़ पाएगा? जो भी हो साफ है कोविड नियमों का पालन हर हाल में करना ही सबसे सेफ विकल्प है।