नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी ने भारत सरकार के खिलाफ मध्यस्थता अदालत में जीत हासिल की है, जिसमें उससे पूर्व प्रभाव से कर के रूप में 10,247 करोड़ रुपये मांग गए थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सरकार के लिए पिछले तीन महीने में यह दूसरा झटका है। इससे पहले एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने सितंबर में वोडाफोन समूह पर भारत द्वारा पूर्व प्रभाव से लगाए गए कर के खिलाफ फैसला सुनाया था।
सूत्रों ने बताया कि एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कहा कि 2006-07 में केयर्न द्वारा भारतीय व्यापार के आंतरिक पुनर्गठन पर भारत सरकार का 10,247 करोड़ रुपये का कर दावा वैध नहीं है।
न्यायाधिकरण ने भारत सरकार से यह भी कहा कि वह केयर्न को लाभांश, कर वापसी पर रोक और बकाया वसूली के लिए शेयरों की आंशिक बिक्री से ली गई राशि ब्याज सहित लौटाए।
भाषा पाण्डेय
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