कर विवाद में केयर्न को समाधान की उम्मीद, शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने को तैयार | Cairn hopes solution in tax dispute, willing to take steps to protect shareholders' interests

कर विवाद में केयर्न को समाधान की उम्मीद, शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने को तैयार

कर विवाद में केयर्न को समाधान की उम्मीद, शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने को तैयार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : February 21, 2021/11:37 am IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी ने वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ तीन दिनों तक बातचीत के बाद कहा कि उसे 1.4 अरब डॉलर के मध्यस्थता फैसले पर सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद है, लेकिन साथ ही जोर दिया कि वह शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाती रहेगी।

एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में केयर्न को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत सरकार से 1.4 अरब डॉलर देने को कहा है। न्यायाधिकरण ने दिसंबर में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था कि भारत ने 2014 में ब्रिटेन-भारत द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन कर 10,247 करोड़ रुपये का कर लगाया था।

केयर्न के सीईओ साइमन थॉमसन ने वित्त सचिव अजय भूषण पांडे और सीबीडीटी के चेयरमैन सहित आधा दर्जन से अधिक अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 18 फरवरी से 20 फरवरी के बीच चर्चा की, ताकि कंपनी को हर्जाना हासिल करने के लिए विदेश में स्थित संपत्ति को जब्त करने जैसे अतिवादी कदम न उठाना पड़े।

कंपनी ने कहा कि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पिछले दिनों दिल्ली में चर्चा सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक रही।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसला हमारे पक्ष में होने के बावजूद बिना किसी पूर्वाग्रह के हमने कई प्रस्तावों पर चर्चा की, जो भारत सरकार और केयर्न के शेयरधारकों के हितों के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य हो सकते हैं।’’

मामले से परिचित सूत्रों ने कहा कि सरकार न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है और उसका मानना है कि मध्यस्थता न्यायाधिकरण किसी राष्ट्र के कराधान के संप्रभु अधिकारों पर सवाल नहीं उठा सकता।

एडिनबर्ग स्थित कंपनी ने पिछले महीने भारत सरकार को लिखा था कि पूर्व की तिथि से लगाये गये करों पर मुकदमा हारने के बाद यदि सरकार 1.4 अरब डॉलर का भुगतान करने में विफल रहती है, तो कंपनी भारत सरकार की परिसंपत्तियों को जब्त करने के लिए मजबूर हो सकती है।

ताजा बयान में केयर्न ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि एक स्वीकार्य समाधान पर पहुंचा जा सकता है, ताकि सभी पक्ष इस नकारात्मक मुद्दे को और अधिक लंबे समय तक टालने से बच सकें।’’

कंपनी ने साथ ही कहा, ‘‘हालांकि, हम यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि हम अपने शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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