कोविड टीका लगवाने के बाद क्या ‘वायरल शेडिंग’ से दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं? ‘नहीं’ | Can 'viral shedding' infect other people after getting covid vaccination? 'No'

कोविड टीका लगवाने के बाद क्या ‘वायरल शेडिंग’ से दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं? ‘नहीं’

कोविड टीका लगवाने के बाद क्या ‘वायरल शेडिंग’ से दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं? ‘नहीं’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : July 17, 2021/6:11 am IST

(पीटर वार्क, कॉनज्वाइंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल)

न्यूकैसल (ऑस्ट्रेलिया), 17 जुलाई (द कन्वर्सेशन) कोविड-19 रोधी टीकों के कारण कुछ कारोबारियों ने टीका लगवा चुके उपभोक्ताओं को अपने परिसर में आने से प्रतिबंधित कर दिया और उनका मानना है कि टीके से दूसरे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है जिसके बाद ‘‘वायरल शेडिंग’’ और अन्य चिंताएं पैदा हो गयी है।

‘वायरल शेडिंग’ प्रक्रिया के दौरान ऐसा हो सकता है कि संक्रमित व्यक्ति किसी भी लक्षण का अनुभव न करें लेकिन वे बात करते, सांस छोड़ते, खाते और अन्य सामान्य दैनिक गतिविधियों के दौरान संक्रमण फैला रहे हों।

हमने ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी न्यू साउथ वेल्स शहर मुल्लुमबिम्बी और क्वींसलैंड में गोल्ड कोस्ट में यह देखा है। हमने अंतरराष्ट्रीय रूप से भी यह देखा।

अमेरिका में एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को इसी वजह से टीका लगवा चुके अपने माता-पिता को गले न लगाने को लेकर आगाह किया। लेकिन कोविड टीके किसी भी जीवित वायरस को प्रसार के लिये नहीं रखते। कोविड टीके के बाद वायरल शेडिंग के मिथक को तोड़ने के लिए विज्ञान में यह बात कही गयी है।

असल में वायरल शेडिंग है क्या?

लोग सार्स-सीओवी2 जैसे वायरल संक्रमण के बाद वायरस को छिपा (या छोड़) सकते हैं। अगर लोग संक्रमित हैं तो वे खांसने और छींकने के जरिए वायरस को फैला सकते हैं। महामारी के दौरान इसलिए हमने सामाजिक दूरी बनायी, मास्क पहना और बीमार पड़ने पर घर पर रहें। हम किसी को तभी संक्रमित कर सकते हैं जब वायरस जीवित होता है।

अन्य बीमारियों के लिए कुछ टीके जीवित वायरस रखते हैं जो कमजोर हो जाते हैं। खसरा, रूबेला, कंठमाला और हर्पीस जोस्टर (दाद) के खिलाफ टीके इसके उदाहरण हैं। ये आपके शरीर को वायरस के ऐसे स्वरूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं जो अधिक खतरनाक नहीं होता।

उदाहरण के लिए हर्पीस जोस्टर के खिलाफ काफी असरदार टीकों में कमजोर वायरस के संक्रमण फैलाने का खतरा बहुत कम होता है। हालांकि दस साल से अधिक तक इसका टीका लगवाने वाले 20,000 से अधिक लोगों में से एक प्रतिशत से कम के साथ ऐसा हुआ। इस तरीके से संक्रमित हुए ज्यादातर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी।

कोविड टीकों में जीवित वायरस नहीं होते। काोविड टीके आपको बीमारी नहीं देते या आपको कोविड-19 से संक्रमित जांच रिपोर्ट नहीं देते। उनमें स्पाइक प्रोटीन के अंश होते हैं। अगर आप टीका लगवाने के बाद भी स्पाइक प्रोटीन फैला सकते हैं तो वह भी संक्रमण फैलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। संक्रमण फैलाने के लिए पूरा वायरस जिम्मेदार होता है और टीको में यह नहीं होता।

फाइजर और मॉडर्ना टीकों में एमआरएनए बहुत कम समय तक जीवित रहता है और तेजी से हमारी कोशिकाओं में कम होता रहता है। एक बार फिर एमआरएनए संक्रमण फैलाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।

टीका लगवा चुके लोगों के ‘सुरक्षित’ रहने की संभावना

वायरस शेडिंग के डर से कारोबारी परिसरों में आने से टीका लगवा चुके लोगों को प्रतिबंधित करने के बजाय मालिकों को खुले दिल से उनका स्वागत करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके सबूत बढ़े हैं कि टीका लगवा चुके लोगों में दूसरे लोगों में संक्रमण फैलाने की आशंका कम होती है।

इंग्लैंड में फाइजर या एस्ट्राजेनेका टीका लगवाने के बावजूद जो लोग संक्रमित पाए गए, उनमें से आधे के अपने संपर्क में आए लोगों में संक्रमण फैलाने की आशंका उन लोगों से आधी थी जिन्होंने टीका नहीं लगवाया।

तो फिर कोई आशंका नहीं है?

कोविड टीके के कारण वायरल शेडिंग की कोई आशंका नहीं है। अगर आपको किसी ऐसे स्थान पर दुकानों पर जाना है जहां संक्रमण के मामले अधिक है तो मास्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करें।

अगर आपने टीका लगवा लिया है तो आपके टीका न लगवाने वाले लोगों के मुकाबले दूसरे के लिए खतरा पैदा करने की आशंका बहुत कम है। अत: कारोबारियों को आपको लुभाना चाहिए न कि आप पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

द कन्वर्सेशन गोला प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers