नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. की अनुषंगी सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. ने चालू वित्त वर्ष में 80 मेगावाट पीक (एमडब्ल्यूपी) क्षमता का सौर बिजली संयंत्र लगाने की योजना बनायी है।
सेंट्रल कोलफीडल्ड्स लि. (सीसीएल) ने कहा कि उसकी छतों पर सौर संयंत्र लगाने की भी योजना है। इस हरित ऊर्जा पहल से दिन के समय बिजली की मांग कम होगी।
कंपनी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, ‘‘छतों पर सौर परियोजनाएं लगाने के अलावा सीसीएल पिपरवार में 20 एमडब्ल्यूपी सौर बिजली संयंत्र लगाने के लिये ठेका देने की प्रक्रिया में है। इस परियाजना के चालू वित्त वर्ष 2020-21 में पूरा हो जाने की उम्मीद है।’’
रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा सीसीएल 80 एमडब्ल्यूपी क्षमता की सौर बिजली संयंत्र लगाने पर विचार कर रही है। ये संयंत्र चालू वित्त वर्ष में सीसीएल के विभिन्न कमांड क्षेत्रों में लगाये जाएंगे।
भेल ने सीसीएल के मुख्यालय दरभंगा हाउस में 400 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाया है।
अब तक कंपनी ने स्थापित सौर बिजली संयंत्रों से 7.2 लाख यूनिट बिजली पैदा की है।
कंपनी के अनुसार एक किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन से 0.932 किलो कार्बडन डाई आक्साइड के उत्सर्जन में कमी आती है।
कोल इंडिया और एनएलसी इंडिया लि. ने हाल ही में अपनी अनुषंगी इकाइयों में 3,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन को लेकर समझौता किया है।
ये संयंत्र चिन्हित बंजर जमीन और खाली पड़ी जमीन पर लगाये जाएंगे।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)