कोरोना के कारण UPSC से वंचित छात्रों के लिए बुरी खबर, एक और मौका नहीं देने के पक्ष में केंद्र सरकार | Centre not in favour of giving another chance to students deprived of UPSC exam due to Covid-19

कोरोना के कारण UPSC से वंचित छात्रों के लिए बुरी खबर, एक और मौका नहीं देने के पक्ष में केंद्र सरकार

कोरोना के कारण UPSC से वंचित छात्रों के लिए बुरी खबर, एक और मौका नहीं देने के पक्ष में केंद्र सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : January 22, 2021/9:58 am IST

नयी दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया।

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अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा, ‘‘हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए…कल (बृहस्पतिवार) रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं।’’ पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी थे। पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के ऐसे अभ्यर्थियों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। देश में कोविड-19 महामारी और कई हिस्सों में बाढ़ के कारण परीक्षा को टालने का अनुरोध किया गया था। यह परीक्षा चार अक्टूबर को हुई थी।

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हालांकि, न्यायालय ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग से उम्र सीमा के कारण अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने पर विचार करने को कहा था। तब पीठ की जानकारी दी गई थी कि इस संबंध में औपचारिक फैसला केवल डीओपीटी ही ले सकता है।

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