एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करें केंद्र : आईएमए | Centre to take action against Ramdev for making unscientific statements on allopathy: IMA

एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करें केंद्र : आईएमए

एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करें केंद्र : आईएमए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : May 22, 2021/11:01 am IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) भारतीय चिकित्सा संघ ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को योग गुरु रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने एलोपैथी के खिलाफ ‘‘गैरजिम्मेदाराना’’ बयान दिए और वैज्ञानिक दवा की छवि बिगाड़ी।

डॉक्टरों की शीर्ष संस्था ने एक बयान में कहा कि रामदेव पर महामारी रोग कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए क्योंकि ‘‘अशिक्षित’’ बयान ‘‘देश के शिक्षित समाज के लिए एक खतरा है और साथ ही गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं।’’

सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘‘एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है…’’।

उन्होंने यह भी कहा कि एलोपैथी की दवाएं लेने के बाद लाखों लोगों की मौत हो गई। आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत रेमडेसिविर, फैविफ्लू और सभी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों के इलाज में विफल हो गई हैं।

आईएमए ने कहा, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (हर्षवर्धन), जो खुद आधुनिक चिकित्सा एलोपैथी के डॉक्टर रह चुके हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख हैं, वे या तो इन सज्जन की चुनौती और आरोप स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा की सुविधा भंग कर दें या ऐसी अवैज्ञानिक बातों से लाखों लोगों को बचाने के लिए उन पर महामारी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करें।’’

उसने आरोप लगाया कि रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर तथा आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ‘‘ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें।’’

उसने कहा, ‘‘आईएमए मांग करती है और यह संकल्प लेती है कि अगर मंत्री (हर्षवर्धन) स्वत: संज्ञान कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हमें आम आदमी के समक्ष सच्चाई लाने के संघर्ष के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा और न्याय पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।’’

भाषा गोला शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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