प्रयागराज, 11 जनवरी (भाषा) एटा में एक वकील से साथ पुलिस की कथित बर्बरता और उसके परिजनों के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल की।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिज्ञ परिषद की ओर से भी एक सीलबंद लिफाफा अदालत के समक्ष पेश किया गया। विधिज्ञ परिषद ने इस मामले की जांच सीबीआई या सीआईडी की अपराध शाखा जैसी एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने की भी मांग की। विधिज्ञ परिषद ने कई फोटोग्राफ और एक सीडी समेत कुछ दस्तावेज भी इस अदालत को भेजे हैं।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 जनवरी निर्धारित की।
उल्लेखनीय है कि एटा जिले में वकालत कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा और उसके परिजनों के साथ पुलिस के कथित अत्याचार के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आठ जनवरी को इस घटना के संबंध में एक पूर्ण रिपोर्ट सौंपने को एटा के सीजेएम को कहा था।
अदालत ने कहा, “संबद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और विधिज्ञ परिषद से प्राप्त सभी रिकार्ड को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए।”
भाषा राजेंद्र
मानसी
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