मातम में बदली खुशियां, तीन मृत बच्चों के जन्म के बाद पहली बार हुई थी जीवित संतान, अस्पताल में आग के कारण खोया चौथा बच्चा | Couple lose fourth child due to hospital fire after birth of three dead children

मातम में बदली खुशियां, तीन मृत बच्चों के जन्म के बाद पहली बार हुई थी जीवित संतान, अस्पताल में आग के कारण खोया चौथा बच्चा

मातम में बदली खुशियां, तीन मृत बच्चों के जन्म के बाद पहली बार हुई थी जीवित संतान, अस्पताल में आग के कारण खोया चौथा बच्चा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : January 11, 2021/5:17 am IST

नागपुर, 11 जनवरी (भाषा) । महाराष्ट्र के भनारकर दम्पत्ति के घर विवाह के 14 साल और तीन मृत बच्चों के जन्म के बाद पिछले सप्ताह एक बच्ची के जन्म से खुशियां आई थीं, लेकिन भंडारा जिले के अस्पताल में लगी आग ने उनकी खुशियों को ऐसी असहनीय पीड़ा में बदल दिया, जिसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता।

अस्पताल में शनिवार को लगी आग में उनकी बेटी के अलावा नौ अन्य शिशुओं की मौत हो गई।

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हीरकन्या भनारकर (39) ने विवाह के बाद के वर्षो में एक के बाद एक तीन मृत बच्चों को जन्म दिया था। उसने छह जनवरी को अंतत: एक जीवित बच्ची को जन्म दिया जिससे दंपति की खुशी का कोई ठिकाना न था। लेकिन अस्पताल में लगी आग ने उनकी इस बच्ची को भी उनसे छीन लिया।

हीरकन्या के पति हीरालाल भनारकर ने भंडारा में अकोली सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के बाहर रविवार रात को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा किसी के साथ नहीं हो… हंसते खेलते बच्चों से ही जीवन में खुशी मिलती है।’’

बच्ची को खोने के गम से पूरी तरह टूट चुकी हीरकन्या इस समय पीएचसी में भर्ती हैं और किसी से भी बात करने में असमर्थ हैं।

एक नर्स ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘ वह (हीरकन्या) गहरे सदमे में है।’’

यह श्रमिक दम्पत्ति भंडारा की सकोली तहसील के उस्गांव गांव का रहने वाला है।

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नर्स ने कहा, ‘‘बच्ची का जन्म समय से पहले गर्भावस्था के सातवें महीने में ही हो गया था और उसका वजन कम था, जिसके कारण उसे जन्म के ही दिन भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में भर्ती किया गया था।’’

उसने बताया कि इस गरीब दम्पत्ति के घर में शौचालय नहीं है, जिसके कारण बच्ची का जन्म समय से पहले हो गया था।

नर्स ने कहा, ‘‘जब मां शौच के लिए गई थी, तो वह गिर गई थी जिसके कारण बच्ची का समय से पहले जन्म हो गया। यदि यह हादसा नहीं हुआ होता, तो बच्ची दो महीने बाद स्वस्थ पैदा हुई होती।’’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने से जान गंवाने वाले नवजात शिशुओं के परिजन से रविवार को मुलाकात की थी और कहा था कि राज्य के सभी अस्पतालों का सुरक्षा ऑडिट करने का आदेश दिया गया है।

उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से भी बात की।

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उन्होंने कहा, ”यह बेहद दुखद घटना थी। मैंने जान गंवाने वाले कुछ नवजात शिशुओं के परिजन से मुलाकात की। मेरे पास उनका दुख साझा करने के लिये शब्द नहीं है, क्योंकि जिनकी जान चली गई है, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता। मैंने उस जगह (भंडारा का अस्पताल जहां आग लगी थी ) का भी दौरा किया है। ”

ठाकरे ने कहा, ”जांच के आदेश दिये जा चुके हैं, जिसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि आग दुर्घटनावश लगी या फिर यह सुरक्षा रिपोर्ट को नजरअंदाज करने का नतीजा है।”

 
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