न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सैनी को हत्या के मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया | Court protects former Punjab DGP Saini from arrest in murder case

न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सैनी को हत्या के मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया

न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सैनी को हत्या के मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : September 15, 2020/11:20 am IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को 1991 में एक जूनियर इंजीनियर बलवंत सिंह मुलतानी की कथित हत्या के मामले में मंगलवार को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने सैनी की अपील पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।

सैनी ने इस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार करने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से जानना चाहा कि 29 साल पुराने मामले में सैनी को गिरफ्तार करने की जल्दी क्या है।

लूथरा ने जवाब दिया कि ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पूर्व पुलिस महानिदेशक फरार हैं।

पीठ ने इस मामले को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करते हुये कहा कि सैनी को अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जायेगा और वह जांच में सहयोग करेंगे।

उच्च न्यायालय ने इस कथित हत्या के मामले में आठ सितंबर को सैनी की अग्रिम जमानत की याचिका सहित दो याचिकायें खारिज कर दी थीं।

इससे पहले, तीन सितंबर को पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि सैनी फरार हैं जबकि उसने इस पूर्व अधिकारी की सुरक्षा वापस लिये जाने के उनकी पत्नी के दावे का खंडन किया था।

मोहाली की एक अदालत ने 21 अगस्त को पुजाब पुलिस को इस मामले में सैनी के खिलाफ हत्या का आरोप जोड़ने की अनुमति दी थी। यह आदेश चंडीगढ़ पुलिस के दो कार्मिक पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर जागीर सिंह और पूर्व एएसआई कुलदीप सिंह , जो इस मामले में सह आरोपी हैं, के सरकारी गवाह बनने के बाद आया।

सैनी की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह एक सम्मानित अधिकारी हैं जिन्होंने गोलिेयां भी खाईं हैं

उन्होंने कहा कि सैनी पुलिस अधीक्षक के पद से तरक्की करते हुये पुलिस महानिदेशक के पद पर पहुंचे ओर उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर में बेहद सराहनीय काम किये थे।

उन्होंने कहा कि सैनी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं ओर उन्हें निचली अदालत से अग्रिम जमानत भी मिल गयी थी और जब एक बार अग्रिम जमानत मिल गयी तो सुनवाई पूरी होने तक यह बरकरार रहनी चाहिए थी।

रोहतगी ने कहा कि सैनी ने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन उनके जैसे अधिकारी को इस तरह से हैरान परेशान नहीं किया जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि यह मामला एक ऐसे अपराध के बारे में जो कथित रूप से 29 साल पहले हुआ था और यह अग्रिम जमानत के लिये सर्वथा उपयुक्त मामला है।

लूथरा ने कहा कि मुलतानी को उसके घर से उठाया गया था और शिकायतकर्ता कई साल तक अदालत जाने का साहस नहीं जुटा पाया क्योंकि आरोपी उस दौरान अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन था।

उन्होंने कहा कि 13-14 दिसंबर, 1991 को चंडीगढ़ के थाने में मुलतानी को यातनायें दी गयीं थी ओर बाद में सैनी के इशारे पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।

पीठ ने कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी कर रही है और याचिका पर राज्य का जवाब जानना चाहती है।

पीठ ने कहा कि जवाब दो सप्ताह में दायर किया जाये और इसका प्रत्युत्तर इसके बाद एक सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाये। इस मामले को न्यायालय ने चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है।

भाषा अनूप

अनूप दिलीप

दिलीप

 

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