सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के प्रवेश संबंधी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से अदालत का इनकार | Court refuses to ban telecast of muslim entry program in government jobs

सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के प्रवेश संबंधी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से अदालत का इनकार

सरकारी नौकरियों में मुसलमानों के प्रवेश संबंधी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से अदालत का इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : September 11, 2020/1:17 pm IST

नई दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक निजी चैनल के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के सांध्यकालीन प्रसारण पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

इस कार्यक्रम के ‘प्रोमो’ में दावा किया गया था कि चैनल ‘‘सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा’’ प्रसारित करने जा रहा है।

यह शुक्रवार रात आठ बजे प्रसारित किये जाने का कार्यक्रम है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने इस कार्यक्रम के प्रसारण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र और संबंधित टीवी को नोटिस भी जारी किया और उनसे जवाब मांगा है।

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यह याचिका जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व एवं मौजूदा छात्रों ने दायर की है। इसमें उन्होंने सरकार के नौ सितंबर के आदेश को खारिज करने का अदालत से अनुरोध किया है।

अदालत ने मंत्रालय को याचिका के जवाब में अपना एक हलफनामा दाखिल करने के लिये तथा चैनल के कार्यक्रम की कानूनी वैधता की फिर से समीक्षा करने का वक्त दिया है।

मंत्रालय का प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार के वकील अनुराग आहलूवालिया ने किया।

बहरहाल, अदालत ने अगली सुनवाई के लिये 18 नवंबर की तारीख निर्धारित की है।

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टीवी चैनल का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता बिजेंदर सिंह ने कहा, ‘‘कार्यक्रम के प्रसारण पर कोई स्थगन (आदेश) नहीं है। अदालत ने इससे इनकार किया है। ’’

याचिका में कहा गया है कि यह प्रस्तावित कार्यक्रम नफरत भरे बयानों और याचिकाकर्ताओं के अपमान से अटा पड़ा है तथा यदि मौजूदा याचिका पर निर्णय इसके प्रसारण से पहले नहीं दिया जाता है तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी तथा याचिका भी निष्फल हो जाएगी।

याचिका में कहा गया है कि मंत्रालय ने प्रस्तावित कार्यक्रम को निषिद्ध करने के लिये केबल टीवी अधिनयिम के तहत प्रदत्त अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नही किया ।

याचिका में चैनल और इसके संपादक को अपने कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ का मुसलमानों और जामिया के छात्रों का सिविल सेवाओं में प्रवेश विषय पर कार्यक्रम और प्रोमो का प्रसारण मंत्रालय द्वारा पुन:समीक्षा किये जाने तक नहीं करने का निर्देश जारी किया जाए।

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उल्लेखनीय है कि अदालत ने 28 अगस्त को कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी थी जो उसी शाम प्रसारित होने वाला था।

अदालत ने चैनल और इसके संपादक को प्रस्तावित कार्यक्रम का प्रसारण उस वक्त तक नहीं करने का निर्देश दिया था जब तक कि मंत्रालय इस पर कोई फैसला नहीं कर लेता है।

 

 
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