देशमुख के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर आपत्ति को लेकर अदालत ने मांगा जवाब | Court seeks reply on Maharashtra government's objection to CBI's plea against Deshmukh

देशमुख के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर आपत्ति को लेकर अदालत ने मांगा जवाब

देशमुख के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर आपत्ति को लेकर अदालत ने मांगा जवाब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : June 10, 2021/12:52 pm IST

मुंबई, 10 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के कुछ हिस्सों पर आपत्ति से जुड़ी राज्य सरकार की याचिका पर उस अधिवक्ता को अपना पक्ष रखने की इजाजत दे दी है जिसकी याचिका पर सीबीआई को राज्य के पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपो की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

अधिवक्ता जयश्री पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका में दखल का अनुरोध करते हुए याचिका की स्वीकार्यता को लेकर शुरुआती आपत्ति जताई थी और दलील दी थी कि इस मामले में राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और एन जे जामदार की एक पीठ ने पाटिल से हस्तक्षेप के लिये आवेदन करने को कहा और निर्देश दिया कि राज्य सरकार इसका जवाब दे। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 जून तय की गई है।

अदालत ने कहा कि 18 जून को वह राकांपा नेता देशमुख की याचिका पर भी सुनवाई करेगी जिसमें उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 21 अप्रैल को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है।

पीठ ने कहा कि सीबीआई को देशमुख की याचिका पर तब तक जवाब देना चाहिए।

सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में 21 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की थी।

राकांपा नेता ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है।

जयश्री पटेल द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने पांच अप्रैल को एक आदेश दिया था जिसके बाद एजेंसी ने देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच की और बाद में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई।

राज्य सरकार ने पिछले साल एक याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह प्राथमिकी से दो पैराग्राफ हटाए, जो उसके मुताबिक, देशमुख के खिलाफ मामले में प्रासंगिक नहीं थे।

इन दो पैराग्राफ में से एक मुंबई पुलिस के बर्खास्त कर्मी सचिन वाजे द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोप के बारे में है।

दूसरा पैराग्राफ पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।

सीबीआई की तरफ से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार की याचिका पर जांच एजेंसी को गंभीर आपत्ति है, ऐसा लग रहा है कि देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा की जा रही जांच को टालने के लिये इसे दायर किया गया है।

भाषा प्रशांत अनूप

अनूप

 

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