लोनी मामले में अदालत ने उम्मेद पहलवान को न्यायिक हिरासत में भेजा | Court sends Umaid Wrestler to judicial custody in Loni case

लोनी मामले में अदालत ने उम्मेद पहलवान को न्यायिक हिरासत में भेजा

लोनी मामले में अदालत ने उम्मेद पहलवान को न्यायिक हिरासत में भेजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : June 20, 2021/3:49 pm IST

गाजियाबाद(उप्र), 20 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की एक अदालत ने रविवार को सांप्रदायिक विवाद फैलाने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किये गये उम्मेद पहलावन इदरिसी को दो सप्ताह के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया । पहलवान के खिलाफ एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुये हमले का वीडियो साझा कर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप है ।

लोनी सीमा पुलिस ने समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता इद​रिसी को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के समक्ष आज शाम पेश किया। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म एवं वर्ग के आधार पर दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का निरादर करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझ कर किया गया अपमान) और 505 (सार्वजनिक व्यवधान) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 467/468/469/471 के तहत भी मामला दर्ज किया है ।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनीस चौधरी ने अदालत में दलील दी कि पुलिस ने जिन धाराओं को बाद में जोड़ा है वह उपयुक्त नहीं हैं इसलिए न्यायिक हिरासत नहीं दी जा सकती है। अदालत ने हालांकि, उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अधिवक्ता ने बाद में कहा, ”कल हमलोग सत्र अदालत में जमानत के लिये जायेंगे क्योंकि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की अन्य धारायें लगाने के लिये प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य नहीं है।”

हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मीडिया को बताया कि इद​रिसी ने शनिवार को गिरफ्तारी के बाद पुलिस को ‘भ्रमित’ किया। उनके मुताबिक, उसने (इदरिसी ने) दावा किया कि पीड़ित अब्दुल समद ने उसे गलत जानकारी दी और जिसके आधार पर उसने सोशल मीडिया पर बयान दिया ।

गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को ट्विटर, समाचार वेबसाइट द वायर के अलावा कुछ पत्रकारों एवं कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ एक वीडियो साझा करने के आरोप में मामला दर्ज किया जिसमें समद ने दावा किया था कि पांच जून को उसकी पिटाई की गयी और उसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिये कहा गया ।

पुलिस ने कहा कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है और समद ने जो ताबीज आरोपियों को बेचे थे उससे वे नाखुश थे। पाठक ने बताया कि विस्तार से पूछताछ के बाद इदरिसी ने दस लोगों का नाम लिया जो कथित रूप से समद के साथ मार पीट करने और उसकी दाढ़ी काटने में शामिल थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया, ”उसने शांति भंग करने और सांप्रदायिक सद्भाव खराब करने के बाद राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से पूरी तरह से झूठी कहानी गढ़ी । उसने स्वीकार किया कि उसने क्लिपिंग और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया । स्थानीय निकाय विभाग के एक सदस्य का भी उसने नाम लिया था । गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी ।”

गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने इदरिसी को राष्ट्रीय राजधानी के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के निकट से कल पकड़ा था। इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पाठक ने बताया कि समद और उसके बेटे के खिलाफ गजियाबाद जिले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

भाषा रंजन प्रशांत

प्रशांत

 

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