कोट्टयम, 15 सितंबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने नन से दुष्कर्म के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ चल रही सुनवाई की खबर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बिना अनुमति के प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोपकुमार जी ने आदेश जारी कर मामले की सुनवाई या प्रक्रिया से जुड़ी कोई भी खबर मीडिया में प्रकाशित करने पर रोक लगा दी। मीडिया में बिना पूर्व अनमुति के गवाहों की ओर से दिए गए सबूत पर भी चर्चा की अनुमति नहीं होगी।
अदालत ने यह आदेश मुलक्कल की याचिका पर दिया जिसमें उन्होंने मामले की सुनवाई बंद कमरे में करने का अनुरोध किया था और आरोप लगाया था कि अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के शुरुआत में गवाहों की धारा-161 के तहत हुए बयान को लीक किया जिसके बाद मीडिया ने इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा शुरू कर दी।
न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे साबित हो कि अभियोजन ने धारा-161 (गवाह द्वारा पुलिस के समक्ष दर्ज बयान) के तहत दर्ज बयान को मीडिया से साझा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘गवाह का बयान सार्वजनिक सूचना है, लेकिन ऐसे बयान पीड़ित द्वारा दिए गए बयान से अलग होने चाहिए।’’
न्यायाधीश ने कहा कि रोक केवल पीडित की पहचान जाहिर करने पर है।
गौरतलब है कि अदालत ने 18 अगस्त को आरोपी के लिए खिलाफ आरोप तय किए थे और मामले की सुनवाई शुरू हुई है।
गौरतलब है कि एक नन ने जालंधर धर्मक्षेत्र के बिशप मुलक्कल के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। कोट्टयम जिले में जून 2018 में दर्ज शिकायत के मुताबिक मुलक्कल ने वर्ष 2014 से वर्ष 2016 के बीच उसका यौन उत्पीड़न किया।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप
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