लखनऊ, छह अप्रैल (भाषा) एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने वर्ष 2000 में कारापाल व उप कारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने के मामले में 12 अप्रैल को अभियुक्त मुख्तार अंसारी को आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।
गैंगस्टर से विधायक बने मुख्तार अंसारी को मंगलवार को पंजाब की रुपनगर, रोपड़ जेल से विशेष काफिले के साथ उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है जिसके बुधवार को बांदा जेल में पहुंचने का अनुमान है।
लखनऊ में कारापाल व उप कारापाल पर हमले के मामले में मुख्तार के अलावा युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर आरोप तय होने है। इनमें युसुफ चिश्ती व आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं जबकि कल्लू पंडित व लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। अभियोजन के अनुसार मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहे हैं।
एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत के न्यायाधीश पी के राय ने पिछली कई तारीखों पर मुख्तार अंसारी को पेश कराने के संदर्भ में उप्र पुलिस के संबंधित आला अधिकारियों व जिला कारागार रुपनगर, रोपड़, पंजाब के वरिष्ठ अधीक्षक को भी निर्देश दिया था।
घटनाक्रम के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार मामले की प्राथमिकी तीन अप्रैल, 2000 को लखनऊ जेल के तत्कालीन कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था तभी इनमें से एक बंदी चांद को मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे।
आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी व उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया तथा कुछ अन्य बंदीरक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे। इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदीरक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया। किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया।
इस मामले में युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि के साथ ही मुख्तार अंसारी को भी नामजद किया गया था। विवेचना के बाद इन सबके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
भाषा सं आनन्द नोमान
नोमान
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