अदालत ने जमानत के लिए दाखिल अस्पष्ट चिकित्सा दस्तावेजों को लेकर चेतावनी दी | Court warns of vague medical documents filed for bail

अदालत ने जमानत के लिए दाखिल अस्पष्ट चिकित्सा दस्तावेजों को लेकर चेतावनी दी

अदालत ने जमानत के लिए दाखिल अस्पष्ट चिकित्सा दस्तावेजों को लेकर चेतावनी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : April 6, 2021/11:18 am IST

नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने विचाराधीन कैदियों द्वारा जमानत के लिए दाखिल किए जा रहे ‘‘अपर्याप्त एवं अस्पष्ट” दस्तावेजों’’ को लेकर चेतावनी दी है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे “अपूर्ण, अस्पष्ट लिखावट वाले अधूरे दस्तावेजों पर भविष्य में गौर नहीं किया जाएगा” और इन्हें संदेह के साथ गंभीरता से देखा जाएगा।

अदालत ने कहा कि जेल चिकित्सकों द्वारा दाखिल की जाने वाली स्थिति रिपोर्ट स्पष्ट होनी चाहिए और चिकित्सा के शब्दों को न सिर्फ चिकित्सा शब्दावली में बल्कि आसान शब्दों में भी इसकी व्याख्या की जानी चाहिए क्योंकि इस बात का फायदा उठाने की कोशिश की जाती है कि न्यायाधीश चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं होते हैं और इसलिए वे बीमारी की सही प्रकृति को ठीक से समझ पाने में असमर्थ होते हैं।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने सोमवार को पारित एक आदेश में कहा कि यह देखा गया है कि जेल अधीक्षकों द्वारा दाखिल की जा रही चिकित्सा रिपोर्टें स्पष्ट नहीं हैं और इस्तेमाल होने वाले चिकित्सीय शब्द आसानी से न्यायाधीशों को समझ में आने वाले नहीं होते हैं।

अदालत ने पाया कि रिपोर्ट में सही तस्वीर नहीं पेश की जाती है और अस्पतालों या चिकित्सकों द्वारा अस्पष्ट एवं अपूर्ण रिपोर्ट दी जाती हैं जिनका इस्तेमाल जमानत लेने या जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए किया जाता है।

अदालत ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सकों को अपनी अंतिम राय स्पष्ट तौर पर देनी होगी कि स्थिति को तत्काल देखने की जरूरत है या नहीं।

इसने कहा कि ऐसे अस्पष्ट, अपूर्ण चिकित्सीय दस्तावेजों पर गंभीरता से गौर किया गया है और ऐसे चिकित्सकों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा अगर वह गलती करते पाए जाते हैं।

भाषा

नेहा अनूप

अनूप

 

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