द्रमुक ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु विस में प्रस्ताव पारित करने की मांग की | DMK seeks to pass resolution in Tamil Nadu voice against central agricultural laws

द्रमुक ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु विस में प्रस्ताव पारित करने की मांग की

द्रमुक ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु विस में प्रस्ताव पारित करने की मांग की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : January 1, 2021/10:07 am IST

चेन्नई, एक जनवरी (भाषा) द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी से आग्रह किया कि वह पंजाब और केरल से सीख लेते हुए केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित करायें जिनके खिलाफ किसान दिल्ली के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस उद्देश्य के लिए तुरंत सदन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। एक दिन पहले ही केरल विधानसभा में कानूनों को निरस्त करने का दबाव बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

किसान जिसमें मुख्य तौर पर पंजाब और हरियाणा के किसान हैं, लगभग 40 दिनों से दिल्ली के पास प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि ये कानून उनके हितों के लिए हानिकारक हैं, हालांकि सरकार की ओर से इस आरोप को खारिज किया गया है।

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एवं भाजपा की सहयोगी अन्नाद्रमुक कृषि कानूनों का बचाव कर रही है और स्वयं मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा है कि ये कानून किसानों, विशेष तौर पर राज्य के किसानों को प्रभावित नहीं करते हैं।

स्टालिन ने कहा कि किसान भयंकर ठंड में 37 दिनों से दिल्ली के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के अपने रुख पर कायम हैं।

स्टालिन ने कहा, ‘‘किसानों को कर्ज माफी और मुफ्त बिजली देने वाला पहला राज्य होने के नाते, यह जरूरी है कि तमिलनाडु संकट की इस घड़ी के दौरान उनके साथ खड़ा हो और उनकी मांगों को साकार करने में मदद करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुरोध है कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाए और इसके लिए सदन तुरंत आहूत किया जाए।’’

कांग्रेस शासित पंजाब और वाम शासित केरल के साथ ही दिल्ली की आप सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में, तीनों कानूनों को निरस्त करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किये हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

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