नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मामलों में लगातार गिरावट के मद्देनजर शहर में दो विशेष और अस्थायी कोविड-19 देखभाल केंद्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में बताया।
दिल्ली छावनी इलाके में स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल का प्रबंधन डीआरडीओ तथा दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में सरदार पटेल कोविड देखभाल केंद्र का प्रबंधन आईटीबीपी के जिम्मे है।
गृह मंत्रालय ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) से उसके द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्र को बंद करने को कहा है और सैन्य बल चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) को इस केंद्र से अपने स्वास्थ्यकर्मियों को हटाने का निर्देश दिया है। आईटीबीपी को भी ‘‘तुरंत प्रभाव से’’ छतरपुर के कोविड देखभाल के लिए इसी तरह का निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से दोनों स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर दिया जाएगा। जो मरीज भर्ती हैं उन्हें ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी जाएगी और नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे।
पिछले साल जून-जुलाई में दो अस्थायी स्वास्थ्य केंद्रों की शुरुआत की गयी थी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एएफएमसी, आईटीबीपी और डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ इस महीने समीक्षा बैठक के बाद यह फैसला किया गया।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट के साथ ही पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण दोनों केंद्रों को बंद करने का फैसला किया गया है।
दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 128 नए मामले आए थे और एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। वहीं संक्रमण दर 0.30 प्रतिशत है और 1041 मरीजों का उपचार चल रहा है।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि आईटीबीपी संचालित केंद्र में काम कर रहे विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के स्वास्थ्यकर्मियों को अब उन्हें संबंधित स्थानों पर भेज देना चाहिए क्योंकि महामारी के दौरान विशेष व्यवस्था के तहत उन्हें यहां लाया गया था।
छतरपुर के कोविड-19 देखभाल केंद्र को 10,000 ज्यादा बेड के साथ सबसे बड़ा केंद्र बताया गया था। फिलहाल यहां सघन चिकित्सा कक्ष में एक भी मरीज नहीं है जबकि वार्ड में 60 संक्रमित मरीज हैं। राधा स्वामी व्यास के परिसर में स्थित इस केंद्र में अब तक 12,000 से ज्यादा मरीजों का उपचार हुआ है।
भाषा आशीष माधव
माधव
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