दिल्ली प्रदूषण निकाय ने 2 और बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार संयंत्रों के लिए ईओआई रद्द किया | Delhi pollution body cancels EOI for 2 more biomedical waste treatment plants

दिल्ली प्रदूषण निकाय ने 2 और बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार संयंत्रों के लिए ईओआई रद्द किया

दिल्ली प्रदूषण निकाय ने 2 और बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार संयंत्रों के लिए ईओआई रद्द किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : July 17, 2021/3:30 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने ”प्रशासनिक कारणों” का हवाला देते हुए राजधानी में दो सामान्य जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) को रद्द कर दिया है।

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब शहर में बड़ी मात्रा में कोविड-19 कचरा पैदा हो रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने 22 मार्च को ईओआई आमंत्रित किया था। 6 जुलाई को, डीपीसीसी ने उसके पास जमा किए गए कुल छह ईओआई में से दो का चयन किया।

डीपीसीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध एक परिपत्र में कहा गया है, ”डीपीसीसी द्वारा 22 मार्च को जारी ईओआई और उसके बाद 6 जुलाई के आरएफपी (प्रस्तावों के लिए अनुरोध) को प्रशासनिक कारणों से रद्द कर दिया गया है।”

फिलहाल राजधानी में दो सामान्य जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीबीडब्ल्यूटीएफ) हैं। इनमें से एक पश्चिम दिल्ली में निलोठी में एसएमएस वाटर ग्रेस बीएमडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड जबकि दूसरा जहांगीरपुरी में बायोटिक वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड है जिनकी परिचालन क्षमता क्रमशः 12 टन और 34 टन प्रतिदिन है।

डीएचएस अनुबंध के तहत चल रहे सीबीडब्ल्यूटीएफ में से एक की वैधता 2020 तक थी और यह विस्तार दिये जाने के अनुसार चल रहा है।

डीपीसीसी ने पहले कहा था कि दिल्ली में 2031 तक प्रति दिन लगभग 80,000 किलोग्राम बायोमेडिकल कचरा पैदा होगा और दिल्ली के पूर्व, उत्तर पूर्व, शाहदरा, मध्य, दक्षिण पश्चिम और पश्चिम जिलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए दो सीबीडब्ल्यूटीएफ की आवश्यकता होगी।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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