दिल्ली दंगा: अदालत ने दो आरोपियों को जमानत दी, पुलिस गवाहों की विश्वसनीयता पर संदेह जताया | Delhi riot: Court granted bail to two accused, doubts over credibility of police witnesses

दिल्ली दंगा: अदालत ने दो आरोपियों को जमानत दी, पुलिस गवाहों की विश्वसनीयता पर संदेह जताया

दिल्ली दंगा: अदालत ने दो आरोपियों को जमानत दी, पुलिस गवाहों की विश्वसनीयता पर संदेह जताया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : January 12, 2021/1:38 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में पुलिस गवाहों की विश्वसनीयता पर संदेह प्रकट करते हुए मंगलवार को दो व्यक्तियों को जमानत दी ।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने गोकुलपुरी इलाके में दंगे के दौरान एक दुकान में कथित तोड़फोड़ एवं आगजनी करने से जुड़े मामले में मोहम्मद शुहैब और शाहरूख को 20-20 हजार रूपये के जमानती बांड और उतनी ही राशि के ही मुचलके पर राहत प्रदान की।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष बीट अधिकारियों — कांस्टेबल विपिन और हेड कांस्टेबल हरि बाबू द्वारा सात अप्रैल, 2020 को सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किये गये बयान में स्पष्ट रूप से की गयी पहचान के आधार आरोपियों की जमानत अर्जियों का विरोध कर रहा है।

अदालत ने कहा कि लेकिन उनके द्वारा की गयी शिनाख्त का बमुश्किल कोई अर्थ है क्योंकि भले ही वे घटना के वक्त क्षेत्र में बीट अधिकारी के रूप में तैनात थे पर उन्होंने आरोपियों का नाम लेने के लिए अप्रैल तक का इंतजार किया। हालांकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने आरोपियों को 25 फरवरी, 2020 को दंगे में कथित रूप से शामिल देखा।

अदालत ने कहा, ‘‘ पुलिस अधिकारी होने के नाते, उन्हें किस बात ने इस विषय को थाने में रिपोर्ट करने या उच्चतर अधिकारियों के संज्ञान में लाने से रोका। इससे दोनों ही पुलिस गवाहों की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।’’

अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस ने जिस सीसीटीवी फुटेज पर भरोसा किया वह 24 फरवरी, 2020 का है जबकि यह घटना अगले दिन हुई।

वैसे अदालत ने आरोपियों को सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने और अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप लगाने का निर्देश दिया।

पिछले साल संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच झड़प के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान गयी थी और करीब 200 अन्य घायल हो गये थे।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव

 

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