देश में ईंधन की मांग मई में घटकर नौ माह के निम्न स्तर पर | Demand for fuel in the country falls to a nine-month low in May

देश में ईंधन की मांग मई में घटकर नौ माह के निम्न स्तर पर

देश में ईंधन की मांग मई में घटकर नौ माह के निम्न स्तर पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : June 11, 2021/2:47 pm IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) देश में ईंधन की मांग मई में घटकर नौ महीने के निचले स्तर पर आ गयी। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों से आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों का प्रभावित होना है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़े के अनुसार ईंधन मांग मई में 1.5 प्रतिशत घटकर 1.51 करोड़ टन रही। यह स्थिति तब है जब मई 2020 में तुलनात्मक आधार पहले से ही कमजोर था। पिछले महीने से यदि तुलना की जाये तो यह मात्रा 11.3 प्रतिशत कम रही है।

देश में पिछले साल कोरोना वायरस संकट के कारण अप्रैल- मई के दौरान कड़ाई से देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था।

हालांकि, इस साल संक्रमण की स्थिति काफी गंभीर थी, लेकिन पाबंदियां स्थानीय स्तर पर लगायी गयी। व्यक्तिगत रूप से वाहनों के उपयोग पर उतना असर नहीं पड़ा, जितना कि पिछले साल था। साथ ही कारखाने खुले रहे और एक राज्य से दूसरे राज्यों में माल ढुलाई ज्यादा प्रभावित नहीं हुई।

आंकड़ों के अनुसार पेट्रोल खपत मई-2021 में 19.9 लाख टन रही जो पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। जबकि अप्रैल-2021 के मुकाबले 16 प्रतिशत और कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 27 प्रतिशत कम है।

डीजल की बिक्री सालाना आधार पर मई में मामूली बढ़कर 55.3 लाख टन रही लेकिन अप्रैल के मुकाबले 17 प्रतिशत और कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 29 प्रतिशत कम है।

यात्रा पाबंदियों के कारण एयरलाइन के परिचालन में कटौती हुई है। इससे एटीएफ (विमान ईंधन) की बिक्री मासिक आधार पर 36 प्रतिशत घटकर 2,63,000 टन रही। हालांकि मई 2020 में 1,10,000 टन खपत के मुकाबले दोगुने से भी अधिक रही है। कोविड पूर्व एटीएफ की मांग 6,80,000 टन थी।

घरेलू रसोई गैस की बिक्री पिछले माह के मुकाबले 21.6 लाख टन पर लगभग स्थिर रही। लेकिन पिछले साल के मुकाबले 5.5 प्रतिशत कम रही है। हालांकि कोविड-पूर्व स्तर मई 2019 से 5.5 प्रतिशत अधिक है।

पिछले साल ‘लॉकडाउन’ के दौरान रसोई गैस (एलपीजी) एक मात्र ईंधन थी, जिसमें खपत बढ़ी थी। इसका कारण सरकार ने कोविड-19 राहत पैकेज के तहत मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराये थे।

सड़क बनाने में उपयोग होने वाले और आर्थिक गतिविधियों की स्थिति को बयां करने वाले कोलतार की खपत मासिक आधार पर 19 प्रतिशत और सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत कम थी।

उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम मार्च 2021 में खपत के मामले में कोविड पूर्व ​​​​स्तर के करीब थे, लेकिन महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों से व्यक्तिगत आवाजाही और औद्योगिक वस्तुओं के आने-जाने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

उसने कहा, ‘‘अब जबकि संक्रमितों की संख्या घट रही है और पाबंदियों में ढील दी जा रही है, स्थानीय ईंधन की खपत इस महीने बढ़नी शुरू होने की उम्मीद है।’’

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

 

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