श्रमिक दिवस पर दुनियाभर में महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा देने की की मांग उठी | Demand for social security raised during worldwide epidemic on Labour Day

श्रमिक दिवस पर दुनियाभर में महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा देने की की मांग उठी

श्रमिक दिवस पर दुनियाभर में महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा देने की की मांग उठी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : May 1, 2021/2:45 pm IST

पेरिस, एक मई (एपी) दुनियाभर में शनिवार को श्रमिक दिवस मनाया गया। इस दौरान कई देशों में श्रमिकों और यूनियन नेताओं ने मार्च निकालकर महामारी के दौरान श्रमिकों को और अधिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

श्रमिक दिवस मनाने वाले कई देशों में इस बार महामारी के दौरान पिछली बार की तुलना में इस बार अलग नजारा देखने को मिला। पेरिस में विशाल संख्या में लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर मार्च किया। उनके हाथों में श्रमिक समर्थक नारे लिखे बैनर थे। हालांकि तुर्की और फिलीपीन में लॉकडाउन के चलते पुलिस ने श्रमिक दिवस मनाने की अनुमति नहीं दी ।

पेरिस में हजारों लोग ट्रेड यूनियन के बैनर और झंडे लेकर निकल पड़े। इस दौरान उनके मुंह पर लगे मास्क बता रहे थे कि कोरोना वायरस फैलने से पहले साल 2019 के श्रमिक दिवस की तुलना में इस बार हालात कितने अलग हैं।

इंडोनिशिया में श्रमिकों ने एक नये कानून को अपने अधिकारों और हितों के लिए नुकसानदेह बताते हुए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर रोष जताते हुए मार्च निकाला। हालांकि कोरोना वायरस पाबंदियों के चलते कम संख्या में श्रमिक मार्च में शामिल हुए।

कंफेडरेशन ऑफ इंडोनेशियन ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष सैद इकबाल ने बताया कि 200 शहरों एवं जिलों में 3000 कंपनियों एवं फैक्टरियों के करीब 50000 श्रमिकों के अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मार्च में हिस्सा लेने की उम्मीद थी लेकिन ज्यादातर रैलियां कड़ी स्वास्थ्य पाबंदियों के चलते फैक्टरी एवं कंपनी परिसरों के बाहर ही हुईं।

जकार्ता के पुलिस प्रवक्ता युसरी युनूस ने बताया कि महामारी के केंद्र इस शहर में प्रशासन ने श्रमिक संगठनों को आपस में दूरी एवं अन्य उपायों का पालन करने की चेतावनी दी थी।

नए रोजगार सृजन कानून से नाराज कई सौ श्रमिक राष्ट्रीय स्मारक के समीप जुटे । उन्होंने मांग संबंधी बैनर और अपने अपने संगठनों के रंग-बिरंगे झंडे ले रखे थे।

इंडोनिशिया में श्रमिकों ने एक नये कानून को अपने अधिकारों और हितों के लिए नुकसानदेह बताते हुए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर रोष जताते हुए मार्च निकाला। हालांकि कोरोना वायरस पाबंदियों के चलते कम संख्या में श्रमिक मार्च में शामिल हुए।

कंफेडरेशन ऑफ इंडोनेशियन ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष सैयद इकबाल ने बताया कि 200 शहरों एवं जिलों में 3000 कंपनियों एवं फैक्टरियों के करीब 50000 श्रमिकों के अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मार्च में हिस्सा लेने की उम्मीद थी लेकिन ज्यादातर रैलियां कड़ी स्वास्थ्य पाबंदियों के चलते फैक्टरी एवं कंपनी परिसरों के बाहर ही हुईं।

जकार्ता के पुलिस प्रवक्ता युसरी युनूस ने बताया कि महामारी के केंद्र इस शहर में प्रशासन ने श्रमिक संगठनों को आपस में दूरी एवं अन्य उपायों का पालन करने की चेतावनी दी थी।

नए रोजगार सृजन कानून से नाराज कई सौ श्रमिक राष्ट्रीय स्मारक के समीप जुटे । उन्होंने मांग संबंधी बैनर और अपने अपने संगठनों के रंग-बिरंगे झंडे ले रखे थे।

फिलिपीन की राजधानी मनीला में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर लॉकडाउन को दो सप्ताह के लिये बढ़ा दिया गया है। यहांेे पुलिस ने सैकड़ों श्रमिकों को सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शन करने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों के एक नेता ने यह बात कही।

हालांकि प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिये मनीला की सड़कों पर जमा होकर महामारी के दौरान नकदी राहत, वेतन रियायतों और कोविड-19 टीकों की मांग की।

श्रमिक नेता जोसुआ माटा ने कहा, ”लॉकडाउन होने के चलते बड़ी संख्या में श्रमिकों को अपने घरों में रहने को मजबूर होना पड़ा।”

तुर्की में कुछ श्रमिक नेताओं को इस्तांबुल के तकसीम चौक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनुमति दी गई लेकिन पुलिस ने अन्य लोगों को वहां पहुंचने से रोक दिया।

‘प्रोग्रेसिव लॉयर्स एसोसिएशन’ ने कहा कि 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। 17 मई तक लॉकडाउन लागू होने के चलते लोगों को अनावश्यक घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं हैं।

एपी जोहेब माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)