नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को 70 साल से अधिक समय तक नागरिक अधिकारों से वंचित रखना संवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक निर्णय के बाद, अब उनके पास भारत के किसी अन्य नागरिक के समान अधिकार होंगे और उनके बच्चों को नौकरियों में बराबर अवसर मिलेगा तथा उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे विभिन्न नए अवसर मिलेंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने सात दशकों के लंबे इंतजार के बाद नागरिकता के अधिकार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।’
भाषा कृष्ण सुभाष
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