कोरोना महामारी के दौर में लोगों में अवसाद और घबराहट बढ़ी, मनोचिकित्सकों के पास बढ़ रही भीड़ | Depression and nervousness increase in American people during epidemic era

कोरोना महामारी के दौर में लोगों में अवसाद और घबराहट बढ़ी, मनोचिकित्सकों के पास बढ़ रही भीड़

कोरोना महामारी के दौर में लोगों में अवसाद और घबराहट बढ़ी, मनोचिकित्सकों के पास बढ़ रही भीड़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : September 3, 2020/5:43 am IST

वाशिंगटन, तीन सितंबर (एपी) । अमेरिका में कोविड-19 महामारी के बीच मनोचिकित्सकों के पास आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इलाज के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों की सूची लंबी होती जा रही है तथा लोगों में अवसाद और घबराहट की शिकायतें बढ़ रही हैं। एक शोध में यह पता चला है।

बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मेडिकल जर्नल जेएएमए नेटवर्क ओपन में बुधवार को कहा कि हालिया शोध में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस सर्वेक्षण के दायरे में आए अमेरिकी व्यस्कों में से आधे में अवसाद के कोई न कोई लक्षण देखने को मिले हैं। उनमें निराशा, विफल होने जैसी मनोदशा और काम करने में बेहद कम खुशी मिलना शामिल है। मौजूदा दर दो साल पहले हुए इसी तरह के सर्वेक्षण की दर की तुलना में दोगुनी है।

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अध्ययन में सामने आया है कि कुछ लोग महामारी में अपनों को खोने से परेशान हैं तो कुछ लोग आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। वहीं कुछ सामाजिक दूरी की वजह से अलग-थलग पड़ने से भी मानसिक परेशानियां के शिकार हुए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा देश में पिछले कुछ महीनों से नस्ली और राजनीतिक तनाव की वजह से भी लोगों में बैचैनी बढ़ी है। हालांकि यह अध्ययन हालिया गतिरोध से पहले ही हो चुका था। इस शोध में अप्रैल में अमेरिका के 1,440 व्यस्कों को शामिल किया गया था। उनसे अप्रैल में अवसाद के लक्षणों के बारे में सवाल पूछे गए थे। शोध में युवाओं, कम आयवर्ग के लोगों और महामारी से संबंधित परेशानियों का सामना कर रहे लोगों में अवसाद और बेचैनी की शिकायतें ज्यादा देखी गईं।

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शिकागो में सिटीस्केप काउंसिंग में कार्यकारी निदेशक चेल्सी हडसन ने कहा, ‘‘हमारे पास युवा पेशेवरों के कई मामले आ रहे हैं जो अकेले रहते हैं। उनके लिए यह बहुत ही मुश्किल है, अलग थलग रहना, लोगों से कोई संपर्क न होना…इस सब से अवसाद बढ़ता है।’’