केन्द्र को 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं संबंधित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानने का निर्देश | Directs Centre to treat 10th-12th Board examinations as representations

केन्द्र को 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं संबंधित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानने का निर्देश

केन्द्र को 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं संबंधित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानने का निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 12, 2021/12:19 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से कहा कि उस जनहित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानें जिसमें कोविड-19 महामारी को देखते हुए दसवीं एवं 12वीं कक्षाओं की बोर्ड की परीक्षाएं परीक्षा केंद्रों पर जाकर देने की व्यवस्था को खत्म करने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि यहां के एक निजी स्कूल के अभिभावकों के संगठन की तरफ से दायर याचिका पर वह सुनवाई नहीं करने जा रही है और सुझाव दिया कि इस तरह का अभिवेदन केंद्र और सीबीएसई के समक्ष दिया जाए या मामले को वापस लिया जाए अन्यथा वह याचिका खारिज कर जुर्माना लगाएगी।

इसके बाद अभिभावक संगठन के वकील ने कहा कि याचिका को अभिवेदन के तौर पर माना जाए।

इसके बाद अदालत ने केंद्र और सीबीएसई से कहा कि जनहित याचिका को अभिवेदन के तौर पर मानें और कानून, नियमों और सरकारी नीतियों के मुताबिक निर्णय करें। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व वकील अजय दिगपाल और सीबीएसई का प्रतिनिधित्व वकील कमल दिगपाल ने किया।

पीठ ने कहा कि जल्द से जल्द व्यावहारिक निर्णय लिया जाए और याचिका का निस्तारण कर दिया जिसमें यह भी मांग की गई थी कि 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा ऑनलाइन ली जाए या खुली किताब विधि से ली जाए।

पीठ ने मामले पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि वह यह निर्देश नहीं देने जा रही है कि परीक्षा किस तरह से ली जाए।

भाषा नीरज नीरज माधव

माधव

 

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