पश्चिम बंगाल में 2021 के चुनाव से पहले तृणमूल खेमे में असंतोष | Discontent among Trinamool camp ahead of 2021 elections in West Bengal

पश्चिम बंगाल में 2021 के चुनाव से पहले तृणमूल खेमे में असंतोष

पश्चिम बंगाल में 2021 के चुनाव से पहले तृणमूल खेमे में असंतोष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : November 23, 2020/7:29 am IST

कोलकाता, 22 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं, इसके मद्देनजर एक ओर जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस विपक्षी भाजपा से मुकाबले की तैयारियों में व्यस्त है वहीं दूसरी ओर पार्टी के अंदर उपज रहे असंतोष से निपटने की चुनौती भी उसके सामने है।

पार्टी के अनेक सदस्यों ने नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठाई है।

राज्य के परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी समेत पार्टी के कई पदाधिकारियों ने ममता बनर्जी नीत शासन के खिलाफ खुले तौर पर शिकायतें की हैं। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता असंतुष्टों को शांत करने के उपाय खोज रहे हैं।

अधिकारी बीते कुछ महीनों से पार्टी के शीर्ष नेताओं से दूरी बनाकर रखी है। कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पैठ है और बनर्जी के बाद पार्टी में वह दूसरे क्रम पर माने जाते हैं।

दूसरी ओर तृणमूल नेतृत्व का कहना है कि मंत्री ‘‘पार्टी के साथ हैं’’ और जैसी आशंकाएं जताई जा रही हैं, वैसा कोई संकट नहीं है।

माना जा रहा है कि पार्टी ने उनसे बातचीत शुरू कर दी है।

अधिकारी का पूर्वी मिदनापुर और जंगलमहल क्षेत्र की करीब 45 सीटों में प्रभाव माना जाता है। हालांकि पार्टी का एक वर्ग उनके अगले कदम को लेकर आशंकित भी है।

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, ‘‘2021 में सत्ता में लौटना है तो उन्हें पार्टी में बनाकर रखना महत्वपूर्ण है। अगर वह पार्टी छोड़ देते हैं तो इसका चुनाव की दृष्टि और राजनीतिक रूप से प्रतिकूल असर पड़ेगा।’’

सूत्रों के मुताबिक अधिकारी को लगता है कि ‘उनके पर कतरने के प्रयास किये जा रहे हैं’।

हाल ही में अनेक जिलों के तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था और पार्टी पर पुराने नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया था।

हालांकि वरिष्ठ तृणमूल नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा कि अधिकारी संगठन का ही हिस्सा हैं।

पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने की कोशिश में लगी भाजपा को तृणमूल के अंदर चल रही उठापटक में संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। पार्टी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी में कुशल संगठकों और नेताओं का कोई स्थान नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘भाजपा जैसी पार्टी ही अच्छी संगठन क्षमता और शासन क्षमता वाले नेताओं का सम्मान कर सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस व्यक्तिगत जागीर की तरह काम करती है। इसमें कभी सुवेंदु अधिकारी जैसे सक्षम नेताओं को सम्मान नहीं मिल सकता।’’

पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

भाषा

मानसी शाहिद

शाहिद

 

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