जोहानिसबर्ग, 15 नवंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका में बड़ी संख्या में राजनयिकों और जनप्रतिनिधियों ने शनिवार को यहां भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक समारोह में दिवाली मनाई।
इस मौके पर जोहानिसबर्ग के मेयर जियॉफ माखुबो ने कहा कि इस साल कोविड-19 संबंधी पाबंदियों की वजह से प्रकाश का यह पर्व हर साल की तरह धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह शहर इस पर्व का सच्चे मायने में प्रतिनिधित्व करता है।
यहां इंडिया हाउस में भारत की महावाणिज्य दूत अंजू रंजन द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मेयर ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से जोहानिसवर्ग ‘प्रकाश का शहर’ है। जब भी प्रवासी लोग स्वर्ण की तलाश में ग्रामीण इलाकों से शहर में आते थे, तो वे जोहानिसबर्ग को ‘माबोनेंग’ (सेसोथो भाषा में प्रकाश का शहर) कहते थे।’’
उन्होंने कार्यक्रम में शामिल स्थानीय लोगों, भारतीय मूल के लोगों और राजनयिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसलिए जब आप दिवाली पर अंधेरे पर प्रकाश की जीत की बात करते हैं तो ऐसा जोहानिसर्ग शहर में भी होता है।’’
माखुबो ने कहा, ‘‘अंधेरे पर प्रकाश की जीत हो। बुराई पर अच्छाई की जीत हो। अच्छाई हमेशा रहेगी और इस दुनिया के अच्छे लोग उठकर इसे कायम रखेंगे। कोरोना वायरस को हराना है। दुनिया से युद्ध को समाप्त कर शांति लानी है।’’
बाद में मेयर ने अंजू रंजन के साथ मिलकर आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
रंजन ने कहा कि भारत सरकार ने 13 नवंबर को हिंदू देवता धनवन्तरि के सम्मान में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया है जिन्हें प्राचीन स्वास्थ्य प्रणाली का जनक माना जाता है।
भाषा मानसी सिम्मी
सिम्मी
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