किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ नुकसानः पीएचडी चेंबर | Farmers' movement loses over Rs 70,000 crore in q3: PhD Chamber

किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ नुकसानः पीएचडी चेंबर

किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हुआ नुकसानः पीएचडी चेंबर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : December 31, 2020/5:24 pm IST

नयी दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने से दिसंबर तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स ने बृहस्पतिवार को यह कहा।

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उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा, ‘‘अबतक 36 दिन के किसान आंदोलन से 2020-21 की तीसरी तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान अनुमानित है। इसका कारण खासकर पंजाब, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होना है।’’

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उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच कृषि अवशेषों को जलाने को लेकर जुर्माना और बिजली संशोधन विधेयक, 2020 (सब्सिडी मामला) को लेकर सहमति बन गयी है। उद्योग मंडल अब दो अन्य मसलों के जल्द समाधान की उम्मीद कर रहा है।

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केंद्र सरकार और किसानों के बीच तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिये कानूनी गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आंदोलन से खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, परिधान, वाहन, कृषि मशीनरी, सूचना प्रौद्योगिकी, व्यापार, पर्यटन, होटल और रेस्तरां तथा परिवहन क्षेत्र आंदोलन से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।

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