नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन | Farmers stage demonstrations at several places in Noida to protest against new agricultural laws

नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : December 29, 2020/9:08 am IST

नोएडा, 29 दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में विभिन्न स्थानों पर किसानों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। चिल्ला रेगुलेटर बॉर्डर पर भाकियू (भानु) के धरने में 11 किसान आज भी सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे। धरने को संबोधित करते हुए भाकियू (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने कहा, ‘‘सरकार किसानों की हितैषी होने का दिखावा करती है। किसान पिछले एक महीने से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर खुले आसमान तले आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।’’ वहीं, दलित प्रेरणा स्थल पर चल रहे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के धरने में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कितनी भी सख्ती बरत ले लेकिन धरना समाप्त नहीं होगा। केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को मानकर कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा।

प्रशासन स्तर पर भी किसानों के धरनों को खत्म करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों से अपर जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर तथा नगर मजिस्ट्रेट नोएडा ने बीती रात को धरनास्थल पर मुलाकात की तथा किसानों से भूमि संबंधी कानूनों के बारे में विस्तृत चर्चा की।

जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया, ‘‘अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने किसानों को भूमि संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया।’’

ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष समिति का विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया धरना भी आज जारी रहा। समिति के संयोजक मनवीर भाटी ने बताया कि बीती देर रात पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण तथा जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने धरना स्थल पर किसानों से बातचीत की लेकिन कोई हल नहीं निकला। उन्होंने बताया कि आज दोपहर बाद किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों की फिर बैठक होगी।

भाषा सं. मानसी नरेश

मानसी

 

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