लद्दाख में सीमा विवाद पर भारत-चीन के विदेश मंत्रियों ने मास्को में बातचीत की | Foreign ministers of India and China meet in Moscow amid border dispute in Ladakh

लद्दाख में सीमा विवाद पर भारत-चीन के विदेश मंत्रियों ने मास्को में बातचीत की

लद्दाख में सीमा विवाद पर भारत-चीन के विदेश मंत्रियों ने मास्को में बातचीत की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : September 10, 2020/6:52 pm IST

मॉस्को। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने बृहस्पतिवार को मास्को में चार महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी गतिरोध और बढ़ते तनाव को लेकर बातचीत की। पिछले एक सप्ताह से भी कम वक्त में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है। मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प के कारण वहां गहरे हुए गतिरोध और बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में यह बातचीत हो रही है।

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इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी। उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की मृत्यु हो गयी थी। आशा की जा रही है कि बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने पर बातचीत हुई होगी। लेकिन दोनों के बीच बातचीत का परिणाम अभी सामने नहीं आया है। जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मास्को में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शाम में डिजिटल मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘विदेश मंत्री जल्द ही चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।’’

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उनसे सवाल किया गया था कि क्या मुलाकात में जयशंकर चार महीने से चल रहे सीमा गतिरोध का मुद्दा उठायेंगे। श्रीवास्तव ने भारत की स्थिति को दोहराया कि वह मौजूदा स्थिति का शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए हल के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं। यह सहमति तब बनी जब दोनों रक्षा मंत्री मिले थे।’ इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले शुक्रवार को मास्को में एक अन्य एससीओ बैठक से इतर अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगहे के साथ बातचीत की थी। लेकिन बैठक में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।

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भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा था कि चीनी सेना ने एक दिन पहले शाम में पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट पर स्थित एक भारतीय चौकी की ओर बढ़ने का प्रयास किया और हवा में गोलियां चलाईं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल में गोली चलने की यह पहली घटना थी। भारतीय सेना का बयान चीनी सेना के उस आरोप के बाद आया था जिसमें कहा गया था भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास ‘‘गोलीबारी की।’’ भारतीय सेना ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

 

 
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