ब्रिटिश अधिकारियों का मनोरंजन केंद्र रहा ‘फ्रेजर बंगला’ चक्रवात ‘यास’ से तबाह | 'Fraser Bungalow' devastated by Cyclone Yass, british authorities' entertainment centre

ब्रिटिश अधिकारियों का मनोरंजन केंद्र रहा ‘फ्रेजर बंगला’ चक्रवात ‘यास’ से तबाह

ब्रिटिश अधिकारियों का मनोरंजन केंद्र रहा ‘फ्रेजर बंगला’ चक्रवात ‘यास’ से तबाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : June 10, 2021/11:47 am IST

(निर्मालय नाग)

फ्रेजरगंज (पश्चिम बंगाल), दस जून (भाषा) बाघ संरक्षित क्षेत्र सुंदरवन के दक्षिणी छोर पर स्थित एक सदी से अधिक पुराना फ्रेजरगंज बंगला पिछले महीने आए चक्रवात ‘यास’ और इससे समुद्र में उठी ऊंची लहरों की वजह से तबाह हो गया है। औपनिवेशक युग में यह बंगला ब्रिटिश अधिकारियों के मनोरंजन का केंद्र हुआ करता था जहां बैठकर वे मदिरा पीते थे और नृत्य-संगीत का लुत्फ उठाते थे।

वर्ष 1903 से 1908 तक बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे सर एंड्रू फ्रेजर द्वारा निर्मित फ्रेजरगंज आवास एक विशाल बंगला था और चक्रवात के बाद मैंग्रोव वृक्षों की जड़ों से ढके इसके कुछ अवशेष ही नजर आ रहे हैं। ईंटों से निर्मित इसकी दीवारें टूटकर बिखर गई हैं।

यहां कभी भारत के ब्रिटिश शासकों की रातें मनोरंजन से सराबोर रहती थीं। वायसराय लॉर्ड जॉर्ज कर्जन जैसी हस्तियां यहां नृत्य-संगीत का लुत्फ उठाती थीं और हवा में उनकी पत्नियों के ठहाके तथा मदिरा भरे गिलासों की खनक गूंजती थी।

नामखाना खंड विकास अधिकारी शांतनु सिंह ठाकुर ने कहा कि बंगाल में ‘शक्तिशाली’ ब्रिटिश शासकों की विश्राम स्थली और मनोरंजन केंद्र रहा फ्रेजरगंगज ऐतिहासिक बंगला गत 26 मई को आए तूफान और इसकी वजह से उठीं लहरों की ‘मार’ नहीं झेल पाया।

तत्कालीन बॉम्बे प्रेजिडेंसी में 1848 में जन्मे फ्रेजर ने 1871 में भारतीय सिविल सेवा में नौकरी प्राप्त की थी। उसने नारायणतला में एक स्थल को देखा और निर्णय किया कि यह उसके विश्राम स्थल के रूप में उपयुक्त रहेगा तथा संभवत: बंगाल का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने से पहले ही उसने बंगले का निर्माण शुरू कर दिया। उस समय बंगाल प्रांत में बिहार, ओडिशा, आज का बांग्लादेश, असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल शामिल थे।

पुरातत्वविद देबीशंकर मिड्डया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि फ्रेजर ने बंगले के पास एक गोल्फ कोर्स भी बनवाया था और ‘‘मैंने एक दौर में गोल्फ कोर्स के अवशेष देखे थे।’’

समुद्र की लहरों और प्रतिकूल मौसम के चलते ऐतिहासिक बंगले में बहुत पहले ही क्षरण की शुरुआत होने लगी थी और पिछले साल आए चक्रवात ‘अम्फान’ तथा पिछले महीने आए चक्रवात ‘यास’ ने फ्रेजर बंगले पर अंतिम प्रहार किया।

ठाकुर ने कहा, ‘‘अब केवल बंगले का बाथरूम ही बचा है।’’

भाषा

नेत्रपाल नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)