नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) खाद्य तेल व्यापार संगठन एसईए ने सोमवार को मांग की कि सरकार नेपाल से शून्य शुल्क पर रिफाइंड सोयाबीन तेल आयात पर अंकुश लगाए। उसका कहना है कि वहां से आयात अतिशय बढ़ गया है और उत्पादन के स्रोत के तय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने कहा है कि न केवल रिफाइंड सोयाबीन तेल, बल्कि नेपाल से शून्य शुल्क पर सूरजमुखी तेल भी भारत में प्रवेश कर रहा है और जिसे दक्षिण भारत में बेचा जा रहा है, जिससे अत्यधिक अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा हो रही है।
एसईए ने एक बयान में कहा कि उसे अपने सदस्यों से शिकायतें मिली हैं कि व्यापारी नेपाल से तैयार माल खरीद रहे हैं और सिर्फ स्टिकर को बदल कर अपने ब्रांड के तहत बेतुके कम कीमतों पर बेच रहे हैं। एसईए के एक सदस्य ने शिकायत की, ‘‘तमिलनाडु में, इरोड नेपाली रिफाइंड सूरजमुखी तेल का केन्द्र बन गया है और धीरे-धीरे चेन्नई भी एक बड़ा केंद्र बन गया है। इस तरह की कीमतों पर उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना संभव नहीं है और इससे अंततः इस क्षेत्र में छोटे और मध्यम आकार वाली पेराई मिलें बंद हो जायेंगी।’’
मुंबई स्थित एसईए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत, नेपाल से भारत में खाद्य तेल आयात शून्य शुल्क पर करने की अनुमति है।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नेपाल सरकार और उसके उद्योग निकाय, ने कहा है कि भारत को निर्यात किये जाने वाले रिफाइंड सोयाबीन तेल के निर्यात के लिए जारी किया गया उत्पत्तिस्थल प्रमाण पत्र, भारत-नेपाल संधि के तहत 20 प्रतिशत मूल्यवर्धन किये जाने के मानदंडों के अनुरूप है।
एसईए ने कहा कि अत्यधिक आयात को रोकने के लिए, सरकार को नेपाल से रिफाइंड तेलों के आयात के लिए कोटा तय करना चाहिए तथा घरेलू रिफाइनरी उद्योग पर कम से कम प्रभाव हो इसके लिए महीने-वार एवं क्षेत्र-वार इसे वितरित करना चाहिए।
पिछले एक साल में घरेलू खुदरा खाद्य तेल की कीमतों में 60 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है।
भाषा राजेश राजेश मनोहर
मनोहर
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