जी बी पंत अस्पताल के अधिकारी ने ‘मलयालम भाषा’ संबंधी विवादित परिपत्र पर माफी मांगी | G B Pant Hospital official apologises over controversial circular on 'Malayalam language'

जी बी पंत अस्पताल के अधिकारी ने ‘मलयालम भाषा’ संबंधी विवादित परिपत्र पर माफी मांगी

जी बी पंत अस्पताल के अधिकारी ने ‘मलयालम भाषा’ संबंधी विवादित परिपत्र पर माफी मांगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : June 9, 2021/8:12 am IST

नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के नर्सिंग अधीक्षक ने उस विवादित परिपत्र को जारी करने के लिए माफी मांगी है जिसमें नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी पर मलयालम भाषा में बात न करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि उनका ‘‘किसी भी भारतीय भाषा, क्षेत्र या धर्म का अपमान करने का इरादा नहीं था।’’

अस्पताल ने नर्सिंग स्टाफ को केवल हिंदी और अंग्रेजी में बात करने के लिए कहने वाले परिपत्र को रविवार को वापस लेते हुए कहा था कि यह ‘‘अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार की जानकारी या किसी भी निर्देश के बिना’’ जारी किया गया।

अस्पताल के चिकित्सा निदेशक को सोमवार को लिखे पत्र में नर्सिंग अधीक्षक ने इस परिपत्र को जारी करने के पीछे की वजह पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि यह परिपत्र ‘‘सकारात्मक भावना से जारी किया गया था और मलयालम भाषी स्टाफ के खिलाफ कोई बुरी मंशा नहीं थी। यहां तक कि इस परिपत्र का गलत मतलब निकाला गया और मुझे इस बारे में स्पष्ट करने का मौका भी नहीं मिला।’’

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने 31 मई, एक जून और दो जून को मिली शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की थी।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘शिकायत का सार यह था कि ज्यादातर स्टाफ क्षेत्रीय भाषा में संवाद करते हैं जिसके कारण अन्य स्टाफ सदस्यों के साथ ही मरीजों के साथ आए व्यक्ति बेबस महसूस करते हैं। मामले को सुलझाने का अनुरोध किया था। शिकायकर्ता ने साफ तौर पर मलयालम भाषा का जिक्र किया था।’’

उन्होंने कहा कि पहले भी मरीजों और उनके साथ आए लोगों ने कुछ स्टाफ सदस्यों के अपनी क्षेत्रीय भाषा में बात करने की वरिष्ठ अधिकारियों से मौखिक शिकायत की थीं।

नर्सिंग अधीक्षक ने कहा, ‘‘मरीज यह मान लेते हैं कि उन्हें कुछ गंभीर बीमारी है और इसलिए उनकी हालत छिपाने के लिए दूसरी भाषा में बात की गई। अत: यह परिपत्र भाषा की बाधा के कारण किसी भी तरह के भ्रम से बचने के लिए जारी किया गया। अगर फिर भी किसी भी स्टाफ की भावनाएं आहत हुई तो मुझे खेद है और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।’’

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने इस विवादित परिपत्र के संबंध में सोमवार को गोविंद वल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को एक मेमो जारी किया था।

एक सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल से यह बताने के लिए कहा कि ऐसा आदेश क्यों जारी किया गया।

जी बी पंत के नर्सिंग स्टाफ संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में करीब 850 नर्स काम कर रही हैं, जिनमें से तकरीबन 400 मलयाली हैं।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद

 

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