फर्जी बिल को लेकर जीएसटी सतर्कता विभाग ने 25 लोगों को किया गिरफ्तार, 1,180 निकायों के खिलाफ करीब 350 मामले दर्ज | GST Vigilance Department arrests 25 people over fake bill

फर्जी बिल को लेकर जीएसटी सतर्कता विभाग ने 25 लोगों को किया गिरफ्तार, 1,180 निकायों के खिलाफ करीब 350 मामले दर्ज

फर्जी बिल को लेकर जीएसटी सतर्कता विभाग ने 25 लोगों को किया गिरफ्तार, 1,180 निकायों के खिलाफ करीब 350 मामले दर्ज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : November 15, 2020/1:33 pm IST

नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पिछले सप्ताह 25 लोगों को गैर-लौह धातुओं के कबाड़, रेडीमेड कपड़ों, सोना, चांदी और निर्माण सेवाओं आदि के नकली बिल बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी। डीजीजीआई ने फर्जी बिल बनाने को लेकर 1,180 निकायों के खिलाफ करीब 350 मामले दर्ज किये हैं। इन्हें लेकर जांच व तलाश जारी है ताकि रैकेट में शामिल लोगों को दबोचा जा सके और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी करने के लिये फर्जी बिलों का इस्तेमाल करने वाले लाभार्थियों का पता लगाया जा सके।

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एक सूत्र ने कहा, ‘‘इन मामलों में शामिल प्रमुख सामान एमएस / एसएस स्क्रैप, लोहे और स्टील के सामान, तांबे की छड़ / तार, अलौह धातुओं के कबाड़, प्लास्टिक के कण, पीवीसी रेसिन, रेडीमेड वस्त्र, सोना और चांदी, निर्माण सेवाएं, कार्य अनुबंध सेवाएं, कृषि उत्पाद, दूध उत्पाद, मोबाइल, श्रम शक्ति आपूर्ति सेवाएं, विज्ञापन और एनीमेशन सेवाएं आदि हैं।’’ नकली चालान और हवाला रैकेट के खतरे तथा अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर उनके हानिकारक प्रभाव को देखते हुए जीएसटी पंजीकरण की नयी प्रक्रिया को भी कड़ा किया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि जिन व्यवसायों के मालिकों या प्रवर्तकों के पास आयकर भुगतान का रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें अपनी कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण कराने से पहले भौतिक और वित्तीय सत्यापन की आवश्यकता होगी।

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सूत्र ने कहा, ‘‘यह भी जांच की जा रही है कि क्या जीएसटी कानूनों, आयकर अधिनियम, और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा, नकली चालान जारी करने वाले तथा ऐसे चालान के लाभार्थियों को विदेशी मुद्रा व तस्करी गतिविधियों की रोकथाम के कानून के तहत हिरासत में लिया जा सकता है या नहीं।’